हिसार: स्मॉग की चादर सुबह-शाम सैर करने वालों पर पड़ रही भारी

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के मुताबिक अभी तक हवाएं पश्चिमी चल रही थी। ये हवाएं गर्म होती हैं, जिस कारण वातावरण में नमी की मात्रा कम थी। चूंकि पंजाब में हरियाणा से भी ज्यादा पराली जलाई जाती हैं और जब भी उत्तरी हवाएं चलती हैं तो ये धुआं हरियाणा की तरफ आता है।

हिसार के वातावरण में छाई स्मॉग की चादर सुबह-शाम सैर करने वालों पर भारी पड़ रही है। वातावरण में प्रदूषण बढ़ने से सैर करने वालों की संख्या में गिरावट आ गई है। चिकित्सकों की भी मानें तो इस दमघोंटू वातावरण में सुबह-शाम सैर करना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

बता दें कि सोमवार को शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक अचानक बढ़कर 300 के ऊपर पहुंच गया। इस दौरान यह 383 के आंकड़े तक चला गया, जो दिन भर का सर्वाधिक भी रहा। यही नहीं सोमवार को हिसार देश का तीसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर भी रहा। पहले नंबर पर राजस्थान का श्री गंगानगर व दूसरे पर नंबर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली रही।

आज अलसुबह में वायु गुणवत्ता सूचकांक में आई गिरावट
मंगलवार अल सुबह 3 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के नीचे आ गया। सुबह 10 बजे शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 दर्ज किया गया। हालांकि अभी भी शहर की हवा में प्रदूषण की मात्रा खराब श्रेणी में है।

लोग सैर से कर रहे परहेज
इसके साथ ही लोग सुबह-शाम की सैर से परहेज करने लगे हैं। मंगलवार को एचएयू के गिरी सेंटर में सुबह सैर करने वालों की संख्या नाममात्र रही, जबकि यहां प्रतिदिन सैर करने वालों की संख्या 500 से ज्यादा की रहती है। इसके अलावा शहर के पार्कों में भी घूमने वालों की संख्या कम हो गई है।

स्मॉग छाने के ये हैं कारण
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के मुताबिक अभी तक हवाएं पश्चिमी चल रही थी। ये हवाएं गर्म होती हैं, जिस कारण वातावरण में नमी की मात्रा कम थी। चूंकि पंजाब में हरियाणा से भी ज्यादा पराली जलाई जाती हैं और जब भी उत्तरी हवाएं चलती हैं तो ये धुआं हरियाणा की तरफ आता है। अब रात के समय उत्तरी हवाएं चल रही हैं, जिस कारण मौसम में ठंडक आ रही है। साथ ही ये हवाएं पंजाब में जलाई जा रही पराली का धुआं भी अपने साथ ला रही हैं। वहीं दिन के समय दक्षिण पूर्वी हवाएं चल रही हैं, जो अपने साथ नमी ला रही हैं। इस नमी व धुएं ने मिलकर स्मॉग का रूप ले लिया है।

यूं मिलेगी राहत
डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि 9 व 12 नवंबर को दो हल्के श्रेणी के पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे। जब ये विक्षोभ आएंगे तो हवाओं की दिशा बदलेगी, जिससे इस स्माॅग से कुछ राहत मिलेगी। मगर 15 नवंबर को सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ से बारिश की गतिविधियां होने की संभावना है। इसके प्रभाव से इस दमघोंटू धुएं से काफी हद तक राहत मिल सकती है।

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