हृदय के लिए टॉनिक का काम करती है ये औषधि

भारतीय चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद का महत्वपूर्ण स्थान है। सदियों से कई प्रकार की बीमारियों के उपचार के लिए आयुर्वेदिक औषधियों को प्रयोग में लाया जाता रहा है। समय के साथ कई जड़ी-बूटियों और औषधियों को आयुर्वेद के साथ-साथ मेडिकल साइंस ने भी प्रमाणिकता दी है।

हृदय रोगों से लेकर डायबिटीज, जोड़ों के दर्द को दूर करने से लेकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने तक के लिए तमाम प्रकार की औषधियों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। कोरोना काल के दौरान इम्युनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय, तुलसी जैसी औषधियों का आपने भी जरूर सेवन किया होगा।

स्वर्ण भस्म भी एक ऐसी ही कारगर औषधि है जिसे विशेषज्ञों ने सेहत के लिए अमृत बताया है। स्वर्ण भस्म, शुद्ध सोने के भस्म से बना एक आयुर्वेदिक मिश्रण है इसके लाभ पारंपरिक प्रथाओं और उपाख्यानों पर आधारित हैं। आइए जानते हैं कि स्वर्ण भस्म के क्या लाभ हो सकते हैं?

आयुर्वेद में स्वर्ण भस्म के कई लाभ का जिक्र
आयुर्वेद विशेषज्ञ कहते हैं, सदियों से चिकित्सा पद्धति में स्वर्ण भस्म का कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, हृदय को स्वस्थ रखने के साथ शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए इसके विशेष लाभ हैं।

स्वर्ण भस्म शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसमें मौजूद सूक्ष्म तत्व शरीर की कोशिकाओं को एक्टिव करते हैं जिससे संक्रमण, एलर्जी और वायरल बीमारियों से बचाव होता है। आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरक संहिता’ में इसे ओजवर्धक यानी जीवन शक्ति बढ़ाने वाला बताया गया है। अध्ययनों के अनुसार स्वर्ण भस्म में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से शरीर को बचाते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि स्वर्ण भस्म का सेवन हमेशा आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में ही करना चाहिए। गलत मात्रा या अशुद्ध भस्म शरीर को फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकती है।

हृदय के लिए बहुत लाभकारी
स्वर्ण भस्म को हृदय के लिए टॉनिक के रूप में भी जाना जाता है, इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में हृदय संबंधी तमाम विकारों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि रक्त संचार को बढ़ाने और धमनियों में जमा फैट को कम करने में इससे विशेष लाभ पाया जा सकता है। आयुर्वेद में इसे “हृदय बल्य” यानी हृदय को बल देने वाली औषधि बताया गया है।

मानसिक शांति में भी मिलता है लाभ
याददाश्त शक्ति बढ़ाने, एकाग्रता और मानसिक शांति के लिए भी ये काफी प्रभावी हो सकती है। स्वर्ण भस्म में मौजूद सूक्ष्म स्वर्ण तत्व तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करते हैं और न्यूरॉन कनेक्टिविटी को सुधारते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये मस्तिष्क को पोषित करने वाला तत्व है। अध्ययनों में पाया गया है कि स्वर्ण भस्म के सेवन से तनाव, चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। जिन लोगों को अक्सर मानसिक थकान की समस्या बनी रहती है उनके लिए भी ये बहुत कारगर हो सकता है।

स्वर्ण भस्म के इन फायदों को भी जानिए
विशेषज्ञों का मानना है कि स्वर्ण भस्म कैल्शियम और खनिजों के अवशोषण को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे हड्डियां और जोड़ मजबूत बनते हैं।
आयुर्वेद में इसे वात दोष में फायदेमंद बताया गया है यानी यह आर्थराइटिस या जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं को कम करता है।
स्वर्ण भस्म शरीर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने की क्षमता वाला है। कोशिकाओं को बढ़ावा देने और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने के साथ उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता रहा है।
चरक संहिता के अनुसार, इसके नियमित सेवन से त्वचा में निखार, ऊर्जा में वृद्धि और यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है।

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