2025 में 88% इक्विटी म्यूचुअल फंड से हुआ निवेशकों को नुकसान

इस साल 276 इक्विटी म्यूचुअल फंड में से 88 फीसदी फंड ऐसे रहे, जिनसे निवेशकों को फायदा मिलने के बजाय नुकसान हुआ है। ये घाटा 15 फीसदी से भी ज्यादा का दर्ज किया गया है। नुकसान पहुंचाने वाले इन फंड में सबसे ज्यादा स्मॉल कैप और मिड कैप कैटेगरी के फंड शामिल हैं। इसके अलावा 33 फंड ऐसे भी रहे, जिनसे निवेशकों को लाभ हुआ। इनका रिजल्ट पॉजिटिव रहा है।

चलिए इनके बारे में एक-एक करके बात करते हैं। इन नेगेटिव फंड में से भी 44 फंड ऐसे रहे हैं, जिनसे निवेशकों को डबल डिजिट नंबर पर घाटा हुआ है।

कौन से रहा सबसे अधिक नुकसानदायक
जानकारी के अनुसार, साल 2025 तक स्मॉल कैप या मिड कैप नहीं बल्कि फ्लेक्सी कैप सबसे ज्यादा नुकसानदायक रहे हैं। Samco Flexi Cap Fund ने साल 2025 में 20.66 फीसदी का घाटा दिया है।

स्मॉल कैप में हुआ नुकसान
फ्लेक्सी कैप के अलावा LIC MF स्मॉल कैप और HSBC स्मॉल कैप सबसे अधिक नुकसान वाले फंड रहे। इनमें 18.97% और 17.33% की गिरावट देखी गई है। देखा जाए तो लगभग 6 स्मॉल कैप ऐसे रहे, जिनमें 15 फीसदी से ज्यादा का नुकसान दर्ज किया गया है।

किन मिड कैप फंड में हुआ घाटा
वहीं एक मिड कैप फंड भी ऐसा रहा है, जिसने निवेशकों को घाटा पहुंचाया। इनमें Motilal Oswal Midcap Fund शामिल हैं। इसमें 16.10 फीसदी की गिरावट देखी गई है।

इसके अलावा दो ऐसे ElSS फंड भी रहे है, जिनसे निवेशकों को नुकसान हुआ है। इसमें Samco ELss Tax Saver Fund और Motilal Oswal Elss Tax Saver Fund के नाम शामिल हैं। इसमें 17.16% और 16.98% गिरावट आई है।

लार्ज कैप फंड्स में भी गिरावट आई है, लेकिन ये 1 फीसदी से भी कम है। इन लार्ज कैप में Edelweiss Large Cap fund, Bajaj Finserv Large Cap Fund और Nippon India Large Cap Fund का नाम शामिल हैं।

किन फंड से मिला मुनाफा?
ICICI Pru Large & Mid Cap Fund सबसे ज्यादा मुनाफा वाले रहें। इसमें 3.89% की बढ़त दर्ज की गई है। इसके अलावा दूसरे नंबर भी ICICI प्रूडेंशियल का ही फंड रहा। ICICI Pru Value Discover Fund ने भी 3.10 फीसदी का रिटर्न दिया है।

म्यूचुअल फंड में निवेशक लगातार बढ़ रहे हैं। क्योंकि इसमें मिलने वाला रिटर्न किसी भी सुरक्षित स्कीम से ज्यादा रहता है। लेकिन हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि इसमें मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इस साल के शुरुआती महीनों में वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते भारत समेत दुनियाभर के बाजार गिरे। इसी का नतीजा है कि इतनी बड़ी संख्या में फंड्स में नुकसान हुआ।

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