5 नवंबर से पहले युद्ध क्यों रुकवाना चाहते बाइडन, विदेश मंत्री ब्लिंकन को 11वीं बार भेजा

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन पश्चिम एशिया में छिड़े युद्ध को रुकवाने के प्रयासों के तहत एक बार फिर से क्षेत्र के दौरे पर हैं। उनकी कोशिश गाजा और लेबनान में युद्ध रुकवाकर तनाव कम करने की है। सात अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हुए हमास के हमले के बाद ब्लिंकन का पश्चिम एशिया का यह 11 वां दौरा है।

पांच नवंबर से पहले तनाव कम कराने की कोशिश
बाइडन प्रशासन की कोशिश है कि पांच नवंबर के चुनाव से पहले पश्चिम एशिया का तनाव कम हो जाए जिसका अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी को राजनीतिक लाभ मिल जाए। गाजा में युद्धविराम के लिए हमास प्रमुख याह्या सिनवार के पिछले सप्ताह मारे जाने के मौके का अमेरिका इस्तेमाल करना चाहता है, क्योंकि सिनवार ही इजरायल पर हुए हमले का मुख्य सूत्रधार था।

नेतन्याहू ने किया साफ
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि अमेरिका की हर बात सुनी जाएगी लेकिन फैसला इजरायल के हितों के अनुसार होगा। युद्धविराम के प्रयास के तहत लेबनान में अमेरिका के राजदूत एमोस होचस्टीन ने वहां की संसद के स्पीकर से बात की है।

हिजबुल्ला की आर्थिक संस्था पर इजरायली हमले
इजरायली सेना ने अब लेबनान में हिजबुल्ला के आर्थिक तंत्र पर हमला किया है। रविवार-सोमवार की रात इजरायली विमानों ने बैंक जैसी आर्थिक संस्था अल-कर्द अल-हसन की एक दर्जन से ज्यादा शाखाओं पर बमबारी की। ये हमले हिजबुल्ला के प्रभाव वाले बेरूत के हिस्से, दक्षिणी लेबनान और बेका घाटी में किए गए।

बेरूत में हुए एक हमले में संस्था की नौमंजिला इमारत पूरी तरह से बर्बाद हो गई। इजरायली सेना ने हमले से पहले लोगों को इलाके से निकल जाने की चेतावनी दी थी, इसकी वजह से हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ है।

अस्पताल के पास इजरायल का हमला, चार की मौत
बेरूत के मुख्य सरकारी अस्पताल के पास इजरायली हमले में सोमवार को एक बच्चे और तीन युवकों की जान गई है। हमले में 24 अन्य घायल हुए हैं। यह जानकारी लेबनान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है। लेबनानी अधिकारियों के मुताबिक लेबनान में इजरायल के हमले की वजह से करीब 12 लाख से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।

उधर, इजरायल का कहना है कि उसका मकसद सीमा क्षेत्र से हिजबुल्लाह के लड़ाकों को खदेड़ना है ताकि हजारों इजरायली उत्तर इजरायल में अपने घरों में सुरक्षित लौट सकें। हिजबुल्लाह की गोलीबारी की वजह से करीब 60 हजार इजरायलियों को अपना घर छोड़ना पड़ा।

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