ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर सपा नेता के भाई की हत्या; इलाके में कोहराम

बागपत में सपा नेता के भाई की हमलावरों ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। यह पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।

बागपत के निवाड़ा में नौरोजपुर गुर्जर रोड पर प्रॉपर्टी डीलर यूसुफ के कार्यालय पर जिस तरह से सामान मिला है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह हमलावरों के लिए चाय बना रहा था, तभी बरामदे में बात करते हुए उसे गोली मारी गई। वह भागने लगा तो उसे और गोलियां मारी गईं। मरने के बाद ही हमलावर वहां से भागे।

यूसुफ के कार्यालय के सामने कुछ दूर ही एक सीसीटीवी कैमरा लगा है, जिसमें यूसुफ के कार्यालय के बाहर का हिस्सा दिखाई देता है। इसकी फुटेज देखने पर पता चला कि यूसुफ ने कार्यालय में आकर सबसे पहले सफाई करने के लिए झाडू लगाई और उसके बाद वहां कुत्ते को रोटियां डालीं। तभी वहां बाइक पर सवार तीनों हमलावर आते हैं और वह यूसुफ से बातचीत करने लगते हैं।

इसके कुछ देर बाद ही हमलावरों ने उस पर बरामद में गोली चलाई तो वह बचकर अंदर भागने लगा, लेकिन हमावरों ने उसको अंदर जाकर भी गोलियां मारीं और वहां से बाइक पर दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे की तरफ भाग गए। वह भागते हुए पुलिस के कैमरे में भी दिखाई दे रहे हैं, जिसके बाद पहुंची पुलिस ने कार्यालय की स्थिति को देखा तो उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह हमलावरों के लिए चाय बना रहा था। क्योंकि गैस चूल्हे पर चाय बनाने को बर्तन रखा था और उसके पास ही दूध व कप रखे हुए थे। इससे यह भी माना जा रहा है कि उनमें से किसी को यूसुफ पहले से जानता था। इन सभी के आधार पर पुलिस हत्यारोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

लखनऊ से आए फोन, घटना के जल्द खुलासे के निर्देश
सपा युवजन सभा के जिलाध्यक्ष के तहेरे भाई यूसुफ की हत्या की सूचना सपा जिलाध्यक्ष रविंद्र यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी जानकारी दी। इस तरह दिनदहाड़े हत्या से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए और लखनऊ तक अधिकारियों से बात की गई। इसके बाद बताया जा रहा है कि लखनऊ से अधिकारियों ने एसपी से पूरी घटना की जानकारी ली और उनको घटना के जल्द खुलासे के निर्देश दिए।

अपने साथ भाई के परिवार की जिम्मेदार भी संभालता था यूसुफ
यूसुफ की हत्या से घर में कोहराम मचा हुआ है। यूसुफ के एक अन्य भाई हारून व एक बहन हतीशा है। इनके पिता मेहंदी हसन की वर्ष 1997 में मौत हो चुकी है और तब यह छोटे थे। इनका पालन-पोषण पिता के तीन अन्य भाइयों ने किया है, जिनमें प्रधान रहे जगवीर हसन ने ज्यादा जिम्मेदारी निभाई थी। यूसुफ ने काम करना शुरू किया तो वह खुद परिवार की जिम्मेदारी उठाने लगा। उसके चार बेटी व एक बेटा है। उसकी बड़ी बेटी बीए में पढ़ रही है तो सबसे छोटा बेटा पहली कक्षा में पढ़ता है। भाई हारून की आंखें खराब हैं तो उसके परिवार की जिम्मेदारी भी यूसुफ ही उठाता था। इस तरह यूसुफ की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।

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