वैज्ञानिकों ने खोज निकाली नई धरती
ब्रह्मांड रहस्यों से भरा है। इन रहस्यों को जानने के लिए वैज्ञानिक सालों से शोध कर रहे हैं। अब वैज्ञानिकों ने एक बेहद दिलचस्प खोज की है। उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष दूरबीन का इस्तेमाल करके एक नए ग्रह की खोज की है। यह ग्रह आकार में धरती के बराबर है और हमारे सौर मंडल के बेहद करीब है। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि इस ग्रह पर जीवन की संभावना हो सकती है। इस ग्रह को वैज्ञानिकों की तरफ से ग्लिसे 12-बी (Gliese 12-B) नाम दिया गया है। वैज्ञानिक भाषा में इसे एक्स्ट्रासोलर ग्रह या एक्सोप्लैनेट कहा जाता है। ग्लिसे 12-बी एक छोटे और ठंडे लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है। यह पृथ्वी से 40 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (टीईएसएस) के माध्यम से ग्लिसे 12-बी की खोज की गई है। ग्लिसे 12-बी अपने तारे की इतने पास से परिक्रमा करता है कि उसका वर्ष सिर्फ 12.8 पृथ्वी दिनों तक का होता है। हालांकि, लाल बौना तारा ग्लिसे 12 सूर्य के आकार का करीब एक चौथाई है, जो हमारे तारे की तुलना में बेहद ठंडा भी है।
द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स एंड मंथली नोटिसेज ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी में गुरुवार को दो अध्ययन प्रकाशित किए गए थे। इन अध्ययन के मुताबिक, अब तक रहने योग्य जितने ग्रह खोजे गए हैं, उनमें यह धरती के सबसे करीब है। यह आकार और वायुमंडल के मामले में हमारे पृथ्वी की तरह है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि इस पर जीवन की संभावना है। यहां का तापमान ऐसा है कि पानी इसकी सतह पर तरल अवस्था में रह सकता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, ग्लिसे 12-बी का तारा सूर्य से बेहद छोटा है। इसलिए यह प्लेनेट हैबिटेबल जोन यानी रहने योग्य क्षेत्र में आता है। इस ग्रह की अपने तारे से जो आदर्श दूरी (आइडियल डिस्टेंस) है, उसके हिसाब से यहां पर पानी हो सकता है। यह ग्रह अपने हर 12.8 दिनों में अपनी कक्षा पूरी कर लेता है। वैज्ञानिकों ने ग्लिसे 12बी की सतह का तापमान करीब 107 डिग्री फारेनहाइट (42 डिग्री सेल्सियस) होने का अनुमान लगाया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टोक्यो में एस्ट्रोबायोलॉजी सेंटर में प्रोजेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर मासायुकी कुजुहारा का कहना है कि हमने आज तक के सबसे निकटम पृथ्वी के आकार की दुनिया खोज ली है। एक बार पृथ्वी जैसे तापमान वाले धरती के आकार के ग्रहों की पहचान होने जाने पर वैज्ञानिक यह निर्धारित करने के लिए उनका विश्लेषण कर सकते हैं कि उनके वायुमंडल में कौन से तत्व मौजूद हैं और महत्वपूर्ण रूप से जीवन को बनाए रखने के लिए पानी मौजूद है या नहीं।
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में डॉक्टरेट की छात्रा लारिसा पैलेथोरपे ने कहा कि हमने पाया है कि सिर्फ कुछ ही ग्रह हैं, जिन पर जीवन की संभावना है। अब यह नया ग्रह पृथ्वी के बेहद नजदीक है इसलिए यह काफी बड़ी खोज है। लारिसा पैलेथोरपे दूसरा अध्ययन करने वाली टीम में शामिल हैं। पैलेथोरपे ने कहा कि इस ग्रह पर पहुंचा नहीं जा सकता है, क्योंकि धरती से 40 प्रकाश वर्ष दूर है। वर्तमान में मौजूद सबसे तेज अंतरिक्ष यान से ग्लिसे 12-बी तक पहुंचने में करीब 2.25 लाख साल लगेंगे।