दिल्ली: राजधानी के स्कूलों की लैब में छात्रों की सुरक्षा पुख्ता, बनाई जाएगी कमेटी
राजधानी के सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त व निजी स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाओं में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर अहम फैसले लिए गए हैं। शिक्षा निदेशालय ने निर्देश दिए है कि स्कूलों की प्रयोगशालाओं में अब किसी भी अतिरिक्त प्रयोग कार्य का संचालन केवल देख-रेख में किया जाएगा। प्रयोगों के बाद प्रयोगशाला प्रभारी के नेतृत्व में ही छात्रों को टेस्ट ट्यूब, बीकर आदि उपकरणों की सफाई करनी होगी।
यही नहीं, विज्ञान प्रयोगशालाओं में सभी रखरखाव और सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन और निगरानी को सुनिश्चित करने के लिए विज्ञान शाखा स्कूलों का दौरा करने के लिए विज्ञान केंद्रों से एक विशेषज्ञ टीम नियुक्त करेगी। साथ ही, स्कूलों से किसी भी प्रतिकूल स्थिति से बचने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
शिक्षा निदेशालय ने विज्ञान प्रयोगशाला में गैस फिटिंग मानदंडों को पूरा करने के लिए कहा है। स्कूलों में 11वीं-12वीं कक्षा में विज्ञान विषय के छात्र प्रयोगशालाओं में अध्ययन करते हैं। विज्ञान शाखा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि विज्ञान शिक्षा में विज्ञान प्रयोगशालाएं आवश्यक और महत्वपूर्ण घटक हैं। सभी छात्र दसवीं कक्षा तक विज्ञान को एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ते हैं और उनमें से एक महत्वपूर्ण प्रतिशत सीनियर सेकेंडरी स्तर पर भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और गृह विज्ञान का अध्ययन जारी रखते हैं।
इसके लिए नियमित व्यावहारिक कार्य करने और विभिन्न प्रकार के उपकरणों, गैजेट्स, सामग्रियों, रसायनों, कांच के बर्तनों आदि के उपयोग की आवश्यकता होती है। ऐसे में प्रयोगशाला में छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर निदेशालय ने विज्ञान की प्रयोगशालाओं में दुर्घटनाओं की संभावनाओं को देखते हुए रखरखाव और सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
रसायनों के ऊपर लिखा होना चाहिए नाम
स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशाला में सभी रसायनों का सुरक्षित भंडारण व रसायनों के ऊपर सही नाम लिखना और उचित रखरखाव किया जाना चाहिए। प्रयोगशाला प्रभारी को छात्रों के उपयोग के लिए प्रयोगशालाओं को पूरी तरह सुसज्जित, कार्यात्मक और अच्छी तरह से रखरखाव करना है। वहीं, दुर्घटना की संभावना के संबंध में प्रयोगशालाओं में कमजोर बिंदुओं की नियमित जांच करने के लिए भी कहा है। साथ ही, प्रयोगशालाओं में प्रमुख स्थानों पर क्या करें और क्या न करें इसके चित्रों को प्रदर्शित करना चाहिए। वहीं, प्रायोगिक कार्य करते समय उचित सुरक्षा और संरक्षण प्रविधान के साथ प्रायोगिक कार्य करते समय छात्रों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जानी चाहिए।
सीबीएसई के मानदंडों के अनुसार होना अनिवार्य
सभी विज्ञान प्रयोगशालाओं को सीबीएसई के मानदंडों और मानकों के अनुसार डिजाइन करना होगा। प्रयोगशाला से निर्बाध निकास के लिए दो चौड़े दरवाजे होने जरूरी हैं। यही नहीं, विज्ञान प्रयोगशालाओं के पास पर्याप्त संख्या में अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं, प्रतिस्थापन और मरम्मत के लिए फिटिंग व इंसुलेशन की समय-समय पर जांच होनी चाहिए। रसायनों के सावधानीपूर्वक प्रबंधन के लिए छात्रों को समय पर और बार-बार निर्देश देने हैं। इस दौरान प्रयोगशालाओं में हतोत्साहित नहीं करना है। प्रयोगशालाओं का उचित स्थान होना जरूरी है। प्रत्येक प्रयोगशाला में एक रजिस्टर को बनाए रखाना और नियमित रूप से उसे अपडेट किया जाना चाहिए।