कौन हैं आईपीएस मनोज वर्मा जो बने कोलकाता पुलिस के नए कमिश्नर

आईपीएस मनोज वर्मा 1998 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता पुलिस का नया आयुक्त नियुक्त किया गया है। उन्होंने विनीत कुमार गोयल की जगह पदभार संभाल लिया है। विनीत कुमार गोयल का पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के पद पर स्थानांतरित किया गया है। आईये जानते हैं कौन हैं मनोज कुमार वर्मा…

आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दरिंदगी की घटना के खिलाफ आंदोलन कर रहे जूनियर चिकित्सकों की मांगों के आगे झुकते हुए आखिरकार बंगाल सरकार ने मंगलवार को कोलकाता के पुलिस आयुक्त (सीपी) विनीत गोयल, डीसी नार्थ अभिषेक गुप्ता सहित स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) को पद से हटा दिया।

कौन हैं कोलकाता के नए सीपी मनोज वर्मा?
विनीत गोयल की जगह मनोज वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस आयुक्त बनाया गया है। 1998 बैच के आइपीएस अधिकारी वर्मा इससे पहले राज्य पुलिस के एडीजी (कानून-व्यवस्था) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

वहीं, 1994 बैच के आइपीएस विनीत गोयल को बंगाल पुलिस के एसटीएफ के एडीजी पद पर तबादला किया गया है।

कोलकाता के नए पुलिस आयुक्त बने मनोज वर्मा भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के 1998 बैच के अधिकारी हैं। वह मूल रूप से राजस्थान के सवाई माधोपुर के रहने वाले हैं।

55 वर्षीय वर्मा इससे पहले एडीजी (कानून- व्यवस्था) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। मनोज वर्मा बंगाल के कई जिलों के वे एसपी रह चुके हैं।

2011 में वे माओवाद प्रभावित पश्चिम मेदिनीपुर जिले के एसपी थे, जहां उन्होंने माओवादी गतिविधियों का खात्मा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सराहनीय सेवा के लिए 2017 में स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक भी मिला था।
2019 में लोकसभा चुनाव के बाद हिंसा के बाद उन्हें बैरकपुर के पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था।
2019 में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया था।

सीबीआई ने HC को सौंपी रिपोर्ट
सीबीआई ने मंगलवार को राज्य संचालित आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंप दी। मामले पर पहली प्रगति रिपोर्ट स्वीकार करने के बाद न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की एकल पीठ ने केंद्रीय एजेंसी को 25 नवंबर तक मामले पर एक और प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

वहीं दूसरी ओर डाक्टर से दरिंदगी के मामले में गिरफ्तार अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष तथा टाला थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल को मंगलवार को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया।

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