बिहार: सदर अस्पताल में मरीजों का ब्लड सैंपल कलेक्ट करता दिखा सिक्योरिटी गार्ड

लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। तैनात गार्ड को टेक्नीशियन की भूमिका में कई बार काम करते देखा गया है। जबकि पैथालॉजिकल लैब के संचालन के लिए एक एमडी लेवल के डॉक्टर व पांच टेक्नीशियन बहाल हैं। जिसका काम ब्लड लेना व मशीन पर जांच करना है।

मधेपुरा सदर अस्पताल का एक अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है। यहां सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड ही मरीजों का ब्लड सैंपल कलेक्ट कर रहा है। इसकी तस्वीर अब सोशल मीडिया पार वायरल हो रही है। इससे सदर अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है।सुरक्षा गार्ड द्वारा मरीजों का सैंपल कलेक्ट करने से मरीजों के जान काे भी खतरा हो सकता है। इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि यह तो अपने आप में गंभीर मामला है। पूरे मामले की जांच की जाएगी। वहीं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

अब मरीज का ब्लड सैंपल कलेक्ट करने लगा गार्ड
लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। तैनात गार्ड टेक्नीशियन की भूमिका में कई बार काम करते देखा गया है। जबकि पैथालॉजिकल लैब के संचालन के लिए एक एमडी लेवल के डॉक्टर व पांच टेक्नीशियन बहाल हैं। जिसका काम ब्लड लेना व मशीन पर जांच करना है। लेकिन व्यवस्था की गड़बड़ी कहे या टेक्नीशियन की मनमानी। लोगों का कहना है कि कई बार मना करने पर भी उक्त गार्ड द्वारा सैंपल कलेक्ट किया जाता है। बता दें कि सदर अस्पताल में आउटसोर्सिंग पर 21 गार्ड हैं। जो विभिन्न जगहों पर काम करते हैं। इसमें से इस गार्ड की ड्यूटी अक्सर इसी ब्लड कलेक्शन सेंटर में लगाया जाता है। जिसका काम भीड़ काे नियंत्रित करना है। लेकिन उक्त गार्ड सुरक्षा का काम करते-करते अब मरीज का ब्लड सैंपल कलेक्ट करने लगा है।

प्रत्येक माह 2500 से 2800 जांच होती है
बताया जा रहा है कि सदर अस्पताल स्थित पैथालॉजिकल लैब में प्रतिदिन औसतन सौ मरीज जांच के लिए आते हैं। जिसमें औसतन प्रत्येक माह 2500 से 2800 जांच होती है। यानी एक दिन में एक सौ तो पूरे महीने में 3000 तथा पूरे साल में 36 हजार 500 मरीजों का औसतन तीन हजार से ज्यादा जांच होती है। इतना मरीजों की संख्या व जांच में अगर उक्त गार्ड का 10 से 15 प्रतिशत भी योगदान है तो यह सिस्टम से साथ मजाक है। लोगों की शिकायत है कि मौजूद लैब टेक्नीशियन का मरीजों के प्रति कभी अच्छा व्यवहार नहीं होता है। ज्यादा भीड़ होने पर सीधे डांट-फटकार सुनने को मिलता है। इतना ही नहीं कौन जांच करना है और कौन नहीं, उसकी इच्छा पर निर्भर है।

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