रूस में ‘सेक्स मिनिस्ट्री’ बनाना चाहते हैं पुतिन
रूस में प्रजनन दर को बढ़ाने के लिए अनोखे विचार दिए जा रहे हैं। उनमें से एक है रात 10 बजे से सुबह 2 बजे तक इंटरनेट व लाइट बंद कर देनी चाहिए। सरकार का मानना है कि यह समय इंटिमेट एक्टिविटी के लिए बहुत बढ़िया होता है। हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि लोग ऑफिस में लंच ब्रेक के दौरान सेक्स करें।
पिछले तीन साल से युद्ध लड़ रहे रूस को घटते जन्म दर का डर सता रहा है। देश में जनसंख्या को नियंत्रित करने पुतिन सरकार (Putin) ने सेक्स मंत्रालय बनाने की योजना बनाई है।
रुसी सांसद, फैमिली प्रोटेक्शन, पाटर्निटी, मैटरनिटी, चाइल्डहुड कमेटी की अध्यक्ष नीना ओस्तानिना (68) इस मंत्रालय की मांग करने वाली याचिका की समीक्षा कर रही हैं।
सरकार ने लोगों से क्या अपील की है?
मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, रूस में प्रजनन दर को बढ़ाने के लिए अनोखे विचार दिए जा रहे हैं। उनमें से एक है रात 10 बजे से सुबह 2 बजे तक इंटरनेट व लाइट बंद कर देनी चाहिए। उनका मानना है कि यह समय इंटिमेट एक्टिविटी के लिए बहुत बढ़िया होता है।
हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने एक बयान बहुत ही सुर्खियों में रहा था, जिसमें उन्होंने रूस के लोगों से सेक्स के लिए समय निकालने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि ऑफिस में लंच व कॉफी ब्रेक के दौरान सेक्स करें।
आर्थिक मदद भी दे रही सरकार
वहीं, सरकार लोगों से अपील कर रहे हैं कि शादी की रात दंपती होटल में ठहरें। ऐसा करने पर सरकार उन्हें 26,300 रूबल (लगभग £208) सहयोग राशि देगी।
खाबरोवस्क में 18 से 23 वर्ष की आयु की छात्राएं बच्चे पैदा करने पर £900 प्राप्त कर सकती हैं, जबकि चेल्याबिंस्क में पहले बच्चे के जन्म पर £8,500 इनाम दिया जा रहा है।
क्या है पुतिन सरकार की चिंता?
कुछ दिनों पहले रूसी सरकार ने कहा था कि देश में प्रजनन दर प्रति महिला लगभग 1.5 बच्चे है, स्थिर जनसंख्या बनाए रखने के लिए आवश्यक 2.1 दर से काफी नीचे है। इसके अलावा यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बीच दस लाख से अधिक रूसी युवा देश छोड़कर जा चुके हैं।
रूस की जन्म दर 1999 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, जून में जीवित जन्मों की संख्या एक लाख से नीचे गिर गई है। इस भारी गिरावट ने रूस में गंभीर जनसंख्या गिरावट के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं।
जनवरी और जून 2024 के बीच पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 16,000 कम बच्चे पैदा हुए हैं। जनसंख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि से यह गिरावट और भी बढ़ जाएगी और 2024 में पिछले वर्ष की तुलना में 49000 अधिक मौतें होने से चिंता काफी बढ़ सकती है।