साल 2025 में कब-कब लगेगा चंद्र ग्रहण, क्या भारत में दिखाई देगा?

साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। आज हम आपको अपनी इस खबर में नए साल में लगने वाले चंद्र ग्रहण के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं कि आखिर साल 2025 में कब-कब चंद्र ग्रहण लगेगा और क्या भारत में दिखाई देगा।

खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए साल 2025 (New Year 2025) बेहद अहम है। साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) और दो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) लगेंगे। आज हम आपको अपनी इस खबर में नए साल में लगने वाले चंद्र ग्रहण के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं कि आखिर साल 2025 में कब-कब चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2025) लगेगा और क्या भारत में दिखाई देगा।

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के एक सीधी रेखा में आने पर घटती है। सूर्य और चंद्रमा के बीच में होने की वजह से पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। सबसे खास बात यह है कि चंद्र ग्रहण सिर्फ पुर्णिमा के दिन होता है। हर साल औसतन तीन चंद्र ग्रहण हो सकते हैं। हालांकि, साल 2025 में दो चंद्र ग्रहण लगेंगे।

नए साल 2025 में पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को दिखाई देगा। साल का पहला चंद्र ग्रहण सुबह 10:41 बजे से शुरू होगा और दोपहर 2:18 बजे समाप्त होगा। दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होकर रात 1:26 बजे तक रहेगा। साल 2025 में लगने वाले दोनों चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse in 2025) होंगे।

कब लगता है चंद्र ग्रहण?
पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है। चंद्रमा एक उपग्रह है, जो धरती की परिक्रमा करता है। इस दौरान जब सूर्य और चंद्रमा के बीच धरती आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इससे धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। पूर्णिमा के दिन यह खगोलीय घटना होती है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा पड़ती है।

एक साल में कितने चंद्र ग्रहण हो सकते हैं?
सिर्फ पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगता है। चंद्रमा को पृथ्वी का चक्कर लगाने और एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक एक चक्र पूरा करने में सिर्फ 29.5 दिन लगते हैं। हालांकि, साल में औसतन सिर्फ तीन चंद्र ग्रहण ही लगते हैं। इसकी वजह यह है कि पृथ्वी के चारों तरफ चंद्रमा की कक्षा समतल नहीं है। करीब पांच डिग्री के कोण पर यह है। इसका मतलब है कि चंद्रमा अक्सर पृथ्वी की छाया के ऊपर या नीचे चला जाता है।

कितने तरह के होते हैं चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। यह इस पर निर्भर है कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में किस तरह हैं। आंशिक चंद्र ग्रहण, पूर्ण चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब पूरे चंद्रमा की सतह पर धरती की छाया पड़ती है।

आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान सिर्फ चांद का एक भाग पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है। चंद्रमा के धरती की तरफ वाले हिस्से पर धरती की छाया काली दिखाई देती है। कटा हिस्सा दिखाई देता है, तो वह इस पर निर्भर करता है कि किस प्रकार सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में हैं। उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान धरती की छाया का हल्का बाहरी भाग चंद्रमा की सतह पर पड़ता है। इस ग्रहण को देखना कुछ मुश्किल होता है।

चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं?
पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को लगेगा। यह ग्रहण अमेरिका, कनाडा और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में नजर आएगा। उत्तरी अफ्रीका के पश्चिमी तट पर इसे सुबह के समय देखा जा सकता है, लेकिन भारत में नहीं दिखाई देगा। दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसके साथ ही एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका के कई हिस्सों में यह चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है।

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