क्रिसमस से पहले पृथ्वी के करीब से गुजरेगा एस्टेरॉयड

एस्टेरॉयड का नाम 2024 XN1 है। इस पर वैज्ञानिक नजर रख रहे हैं। क्रिसमस से एक दिन पहले 24 दिसंबर को यह पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरेगा। 120 फीट लंबा यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से 7,209,861 किमी की दूरी से गुजरेगा।

एस्टेरॉयड को काफी लंबे समय से पृथ्वी के लिए खतरा बताया जा रहा है। कहा जाता है कि अगर कभी पृथ्वी से एस्टेरॉयड की टक्कर होती है, तो भयानक तबाही मच सकती है। कई बार एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की संभावना जताई गई, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, कहा जाता है कि एकबार पृथ्वी से एस्टेरॉयड की टक्कर हुई थी, जिसके बाद डायनासोर खत्म हो गए थे। अब एक बार फिर एक एस्टेरॉयड धरती के पास से गजुरने वाला है।

इस एस्टेरॉयड का नाम 2024 XN1 है। इस पर वैज्ञानिक नजर रख रहे हैं। क्रिसमस से एक दिन पहले 24 दिसंबर को यह पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरेगा। 120 फीट लंबा यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से 7,209,861 किमी की दूरी से गुजरेगा। यह चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की औसत दूरी का 16 गुना है। यह 23,726 किमी प्रति घंटे की रफ्तार चल रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है।

इस तरह के एस्टेरॉयड से शुरुआती सौर मंडल को समझने में मदद मिलती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा इस परआधुनिक ट्रैकिंग तकनीक से बारीकी से नजर रख रही है, ताकि इसके रास्ते को बेहतर तरीके से समझा जा सके। अगर एस्टेरॉयड के रास्ते में कोई परिवर्तन होता है, तो धरती को खतरा हो सकता है। 2024 XN1 पृथ्वी के पास से गुजरने वाले अगले पांच एस्टेरॉयड में सबसे बड़ा है।

नासा ‘एस्टेरॉयड वॉच’ डैशबोर्ड से इसे ट्रैक कर रहा है। यह डैशबोर्ड पृथ्वी के पास से जाने वाले एस्टेरॉयड की जानकारी देता है। इससे आकार और स्पीड की जानकारी मिलती है। इस एस्टेरॉयड से धरती को कोई खतरा नहीं है।

पृथ्वी के लिए खतरनाक हैं एस्टेरॉयड
पृथ्वी के लिए एस्टेरॉयड को खतरनाक माना जाता है। नासा इसके खतरों से निपटने की तैयारी कर रहा है। नासा ने डार्ट मिशन लाॅन्च किया था जिससे एस्टेरॉयड की दिशा को बदला दिया था। वैज्ञानिक मानते हैं कि एस्टेरॉयड की दिशा बदलने से पृथ्वी की तरफ आने वाले खतरों को टाला जा सकता है।

क्या होता है एस्टेरॉयड?
उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह को एस्टेरॉयड के नाम से जाना जाता है। किसी ग्रह के बनते समय उससे छोटे-छोटे चट्टान के टुकड़े निकलकर बाहर हो जाते हैं और सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाने लगते हैं। कभी कभी ऐसा होता है कि यह अपनी कक्षा से बाहर निकल जाते हैं। आमतौर पर ग्रहों की कक्षा में एस्टेरॉयड जल जाते हैं, लेकिन बड़े एस्टेरॉयड कभी-कभी ग्रहों से टकरा जाते हैं। पृथ्वी से भी कई बार एस्टेरॉयड की टक्कर हो चुकी है।

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