राजस्थान: डोटासरा के बयान पर मदन राठौड़ का पलटवार

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने सीधा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भगवान राम हमारे आराध्य हैं और उनका मंदिर हमारे संस्कारों का हिस्सा है। यदि डोटासरा को इससे आपत्ति है, तो उन्हें अपने संस्कारों को याद करना चाहिए।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयानों पर पलटवार करते हुए बोलने की मौलिक आजादी का हवाला दिया। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर को लेकर दिए गए बयान का बचाव करते हुए डोटासरा को उनके पूर्वजों और संस्कारों को याद करने की नसीहत दी।

डोटासरा ने राठौड़ को ‘बिना काम का अध्यक्ष’ बताते हुए भागवत के बयान पर सवाल उठाया था। इसके जवाब में राठौड़ ने कहा, संविधान में बोलने की आजादी है। राम मंदिर का निर्माण हमारे स्वाभिमान और संस्कृति का प्रतीक है। जब तक राम मंदिर नहीं बना था, एक गुलामी का एहसास होता था। भगवान राम हमारे आराध्य हैं और उनका मंदिर हमारे संस्कारों का हिस्सा है। यदि डोटासरा को इससे आपत्ति है, तो उन्हें अपने पूर्वजों और संस्कारों को याद करना चाहिए।

गणतंत्र दिवस के मौके पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच संविधान की व्याख्या और उसकी पैरोकारिता को लेकर बहस छिड़ गई है। डोटासरा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दुपट्टा पहनने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसी पार्टी विशेष के नहीं, बल्कि पूरे देश के होते हैं।

इस पर राठौड़ ने जवाब देते हुए कहा, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है। राजनीतिक मतभेद चुनाव तक सीमित रखें और सरकार के साथ मिलकर विकास के कार्यों में सहयोग करें, तभी देश और प्रदेश का विकास संभव है।

वसुंधरा राजे ने दी शुभकामनाएं
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संविधान में दिए गए कर्तव्यों और अधिकारों का पालन करना सभी का दायित्व है। उन्होंने प्रदेशवासियों से प्रदेश और देश के विकास में सहयोग करने की अपील की।

बहरहाल डोटासरा और राठौड़ की बयानबाजी से राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। राम मंदिर और संविधान जैसे मुद्दों को लेकर दोनों पार्टियों के नेताओं के बयानों से सियासी माहौल और गरमा गया है।

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