पंजाब: बजट से AAP ने साधा अपना एजेंडा और चुनावी रोड मैप भी तैयार

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया। बजट के पीछे कई सियासी मायने भी जुड़े हैं। पार्टी ने बजट में हर वर्ग को साधने के पूरी कोशिश की है।
आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब सरकार ने बुधवार को अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश करते हुए स्पष्ट कर दिया कि पार्टी जिस विचारधारा के साथ राजनीति में उतरी थी, उसको लागू करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। 2025-26 का पंजाब का बजट पार्टी के एजेंडे की ही झलक पेश कर रहा है। इसमें शिक्षा पर कुल बजट की 12 फीसदी राशि और स्वास्थ्य पर कुल बजट की 10 फीसदी से अधिक राशि का प्रावधान किया गया है।
यानी करीब करीब एक चौथाई हिस्सा शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च हो रहा है। जिस तरह आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली की आप सरकार ने स्कूली शिक्षा के ढांचे में आमूल-चूल बदलाव करके उसे निजी शिक्षा संस्थानों के मुकाबले खड़ा कर दिया था। लगभग वैसी ही योजना पंजाब में आप सरकार शिक्षा क्षेत्र में लागू करने जा रही है, ताकि बच्चों को स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार व उद्यमिता के योग्य बनाया जा सके।
भगवंत मान सरकार ने इस बजट में सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का और विस्तार करते हुए राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत प्रत्येक नागरिक के लिए बीमा कवर की राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने का फैसला किया। इससे पंजाब के लोग 10 लाख रुपये तक का मुफ्त कैशलेस इलाज करा सकेंगे। यह योजना भी समूचे पंजाब के लोगों के लिए बहुत लाभकारी होने वाली है। हालांकि, सरकार के लिए इसमें चुनौतियां भी बहुत हैं, क्योंकि पंजाब में जब मुफ्त इलाज बढ़ेगा तो हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ाना होगा। इसमें सबसे प्रमुख डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल है। इस मोर्चे पर पंजाब सरकार को अभी और बड़ी तैयारी करने की जरूरत पड़ेगी।
मुफ्त बिजली के दम पर पार्टी ने दी थी पंजाब में दस्तक
इसके साथ ही आम लोगों को राहत देने वाली सरकार की मुफ्त बिजली की योजना अगले साल भी लागू रहेगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने इसके लिए नए बजट में 7614 करोड़ का प्रावधान करने के साथ ही बिजली ट्रांसमिशन और वितरण व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए भी अच्छी खासी रकम खर्च करने की तैयारी की है। मुफ्त बिजली उन योजनाओं में है, जिसके दम पर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने मजबूती से अपनी दस्तक दी थी।
पंजाब के पर 32,797,60 करोड़ का कर्ज
अप्रैल 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक पंजाब के पर 32,797,60 करोड़ का कर्ज था, जो 2026 तक 40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने के अनुमान लगाया गया है। हालांकि, इसका सीधा असर सरकार के खजाने पर साल दर साल पड़ रहा है और कुल आमदनी का करीब 22 फीसदी हिस्सा के कर्ज के ब्याज के रूप में चला जाता है। इसके बावजूद नए बजट में सरकार ने राजस्व घाटा 2.51 फीसदी और राजकोषीय घाटा 3.84 फीसदी तक घटाकर न सिर्फ पिछले बजट के मुकाबले 31162 करोड़ रुपये अधिक का बजट पेश किया है। बल्कि चालू वित्त वर्ष में प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) जोकि 9 फीसदी दर्ज हुआ है, के नए साल में 10 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद जताई गई है।
सियासी रोड मैप को मजबूत करने में जुटी पार्टी
वैसे इस चौथे बजट से एक बात तो स्पष्ट हो रही है कि भगवंत मान सरकार नए बजट में सूबे के बुनियादी ढांचे के विकास पर खुले दिल से खर्च करना चाह रही है। गांवों के विकास के लिए 3500 करोड़ रुपये, ग्रामीण संपर्क सड़कों के लिए 2873 करोड़ रुपये ओर शहरों के विकास के लिए 5983 करोड़ रुपये का प्रावधान बताता किया है। हालांकि, इन सुविधाओं के लिए आवंटित किए गए बजट से इस बात की तस्दीक होती है कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अभी से अपने सियासी रोड मैप को मजबूत करने में जुट गई है।
बजट में कृषि के लिए 14,524 करोड़ का प्रस्ताव
कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों के लिए नए बजट में 14,524 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया है। जो चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धरित की गई रशि से 5 फीसदी ज्यादा है। नए बजट में खास बात यह है कि गंभीर भूजल संकट से जूझ रहे प्रदेश को बचाने के लिए धान उत्पादकों को मक्का की तरफ मोड़ने के लिए सरकार 17500 रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी देने जा रही है। मुख्यमंत्री मान ने 1 मार्च 2025 को युद्ध नशे दे विरुद्ध मुहिम का एलान किया था। इसके तहत प्रदेश में नशे के आदी लोगों का डाटा एकत्र करने और उनसे गोपनीय रखते हुए पीडि़तों का इलाज कराने की योजना बनाई गई थी। इस मुहिम को लेकर राज्य सरकार की गंभीरता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि नए बजट में ड्रग्स सेंसस के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान कर दिया गया है।
सरहदों पर अपनी सीमा में होमगार्ड जवानों की तैनाती
इन सब के साथ भगवंत मान की सरकार की सरहदों पर अपनी सीमा के भीतर होमगार्ड के जवानों की तैनाती भी बड़े कदम के तौर पर देखी जा रही है। सुरक्षा के साथ-साथ जवानों के इस विशेष तबके से इतनी बड़ी संख्या में सीधे तौर पर जुड़ना बड़ा कदम है।
महिलाओं के लिए सम्मान राशि का बजट में प्रावधान नहीं
हालांकि, इस पूरे बजट में महिलाओं को मिलने वाली सम्मान राशि के बारे में किसी तरीके के बजट का प्रावधान न होना सियासी गलियारों की चर्चाओं को गरम कर रहा है, लेकिन सियासत से ताल्लुक रखने वालों का एक तबका यह भी कहता है कि बहुत सी योजनाएं चुनावी साल के लिए भी छोड़ी जाती हैं। यह योजना उन्हें में से एक बनती हुई दिख रही है। कुल मिलाकर आप सरकार नए बजट में जनता के प्रति अपनी प्राथमिकताओं के साथ ही अपनी सियासी जमीन को मजबूत बनाए रखने के लिए राजनीतिक एजेंडे को लागू करने में सफल होती दिख रही है।