बिहार: मंत्री संजय सरावगी बोले- भूमिहीनों को जमीन खरीदने के लिए मिलेगा 1 लाख

बिहार में अभियान बसेरा-2 चल रहा है। इसके तहत दलित महादलित पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा समाज के जो लोग हैं और उनके पास जमीन नहीं है तो उन्हें जमीन उपलब्ध कराना है।
बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा, सभी रैयतों की जमीन उनके नाम पर हो जाए। इसके लिए जमीन सर्वे की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च थी। बावजूद पोर्टल को खोल कर रखा गया है। अभी भी लोग उनके पास जमीन से जुड़े जो कागजात उपलब्ध हैं, उस पर अपना आवेदन करें। ऐसे ही लोगों को परेशानी हो रही है, जो आवेदन नहीं कर रहे हैं।
मंत्री संजय सरावगी ने कहा, आवेदन के लिए सभी कागजातों की कोई जरूरत नहीं है। वह समस्तीपुर परिषद में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इसे पूर्व मंत्री वर्ष 2004 में दरभंगा स्टेशन पर रेल रोको अभियान के तहत रेल कोर्ट में चल रहे एक मामले में पेश होने के लिए पहुंचे थे। हाजिरी के बाद इस मामले में आगे की तिथि तय की गई है।
उन्होंने कहा कि रैयतों के पास जमीन से जुड़ा जो डॉक्यूमेंट है, इस आधार पर आवेदन करें स्वलिखित वंशावली दें। उन्होंने कहा कि जमीन का दाखिल खारिज करने के लिए अब कार्यालय जाने की बिलकुल जरूरत नहीं है, सभी सुविधाएं ऑनलाइन हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जमीन विवाद बहुत अधिक है। विशेष भू-सर्वेक्षण होने पर विवाद में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि दाखिल खारिज के मामले में विभाग ने तय किया है कि 35 दिनों के अंदर भू स्वामी की जमीन का दाखिल खारिज हो जाएगा। अगर किसी मामले में विवाद है तो वैसे मामले में 75 दिनों के अंदर इसका निष्पादन कर दिया जाना है।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के दाखिल खारिज वाद को अगर कागज में कमी है तो सुनवाई के बाद भी उसे निरस्त करना है। अधिकारी को रैयतों को बुलाना है, अगर कागजात कम है तो उसे कागजात उपलब्ध कराना।
भूमिहीनों को जमीन खरीदने के लिए मिलेगा एक लाख रुपये
उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में अभियान बसेरा-2 चल रहा है। इसके तहत दलित महादलित पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा समाज के जो लोग हैं और उनके पास जमीन नहीं है तो उन्हें जमीन उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नया प्रावधान भी लाई है, जिन पंचायत में जमीन नहीं है, उन पंचायत के लोगों को जमीन खरीदने के लिए मुख्यमंत्री वास नीति योजना के तहत एक लाख रुपये चेक के माध्यम से दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन चल रहे कार्यों की मॉनीटरिंग भी की जाती है। बिहार में 10 ऐसे अंचल हैं, जहां सबसे ज्यादा दाखिल खारिज के मामले निरस्त किए गए हैं। वहां के अंचलाधिकारी से कारण परीक्षा किया गया है। कारण परीक्षा से संतुष्ट नहीं होने पर उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।