अजमेर: पुष्कर के रोप-वे में फंसे तीन यात्रियों को सुरक्षा टीमों ने किया रेस्क्यू

करीब 70 जवानों की टीम ने सावित्री माता पहाड़ी की तलहटी में निर्धारित स्थल पर अपना सेटअप तैयार किया। एसडीओ पुष्कर गौरव कुमार मित्तल के निर्देशन में मॉकड्रिल की शुरुआत हुई। रोप-वे के बीच रास्ते में फंसी केबिन के नीचे सबसे पहले सुरक्षा जाल बिछाया गया। इसके बाद दो जवान रस्सों के सहारे केबिन तक पहुंचे और अंदर मौजूद कार्मिकों को मानसिक रूप से ढाढ़स बंधाया।

पुष्कर स्थित सावित्री माता रोप-वे पर सोमवार को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की संयुक्त टीमों ने मॉकड्रिल कर रेस्क्यू ऑपरेशन का अभ्यास किया। इस दौरान करीब 100 फीट ऊंचाई पर अटकी केबिन में फंसे तीन श्रद्धालुओं जोकि रोप-वे के कार्मिक थे, उनको सुरक्षित नीचे उतारने का प्रयास किया गया।

करीब 70 जवानों की टीम ने सावित्री माता पहाड़ी की तलहटी में निर्धारित स्थल पर अपना सेटअप तैयार किया। एसडीओ पुष्कर गौरव कुमार मित्तल के निर्देशन में मॉकड्रिल की शुरुआत हुई। रोप-वे के बीच रास्ते में फंसी केबिन के नीचे सबसे पहले सुरक्षा जाल बिछाया गया। इसके बाद दो जवान रस्सों के सहारे केबिन तक पहुंचे और अंदर मौजूद कार्मिकों को मानसिक रूप से ढाढ़स बंधाया। इसके बाद तीनों को बारी-बारी से नीचे सुरक्षित उतारा गया।

जमीन पर पहुंचने के तुरंत बाद मेडिकल टीम ने रोप-वे कार्मिकों की स्वास्थ्य जांच की। डॉ. अभिजीत सोनी के नेतृत्व में प्राथमिक उपचार दिया गया। करीब 45 मिनट चले इस ऑपरेशन के दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय वंदना खोरवाल, एसडीओ गौरव मित्तल, सिविल डिफेंस की उपनियंत्रक पदमा देवी, टीम इंचार्ज प्रशांत झा, एनडीआरएफ प्रभारी योगेश मीणा, एसडीआरएफ इंचार्ज बग्गी मीणा, पुष्कर थाने से एसआई छीतरमल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व प्रतिनिधि मौजूद रहे।

बीते छह माह में सावित्री माता रोप-वे पर यह तीसरी मॉकड्रिल रही। अभ्यास के दौरान रोप-वे का संचालन अस्थाई रूप से बंद रखा गया था, जिसे मॉकड्रिल के पूर्ण होने के बाद पुनः सुचारू रूप से शुरू कर दिया गया। राज्य सरकार के निर्देशानुसार समय-समय पर इस तरह की मॉकड्रिल आयोजित की जाती है, ताकि आपात स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सके।

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