सीएम यादव: इंदौर में भी कार्बाइड गन की बिक्री पर लगा प्रतिबंध

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को को हमीदिया अस्पताल के नेत्र रोग विभाग का दौरा किया और कार्बाइड गन हादसे में घायल बच्चों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने वार्ड में जाकर प्रशांत, करण, अंश और आरिष सहित अन्य मरीजों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और परिजनों से भी बातचीत की। डॉ. यादव ने मरीजों का इलाज कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन से उपचार की पूरी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने डॉक्टरों को निर्देश दिया कि सभी घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा और निरंतर निगरानी उपलब्ध कराई जाए ताकि वे जल्द स्वस्थ हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार घायलों के उपचार की पूरी जिम्मेदारी लेगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डॉक्टरों से ली उपचार की जानकारी
मुख्यमंत्री ने अस्पताल के ऑप्थाल्मोलॉजी वार्ड में बच्चों के इलाज की व्यवस्था देखी और चिकित्सकों से वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने प्रत्येक मरीज के उपचार में इस्तेमाल हो रही चिकित्सा तकनीक और दवाओं की जानकारी भी प्राप्त की। डॉक्टरों ने बताया कि अधिकांश मरीजों की आंखों की सर्जरी की जा चुकी है और नियमित निगरानी की जा रही है।
परिजनों से की संवेदनात्मक बातचीत
मुख्यमंत्री ने घायल बच्चों के परिवारों से बात करते हुए कहा कि सरकार इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि बच्चों और उनके परिजनों को हर संभव सहायता दी जाए, जिसमें भोजन, दवाइयाँ और परामर्श सेवाएँ शामिल हैं।
अधिकारियों ने दिया अपडेट
इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग संदीप यादव और आयुक्त जनसंपर्क दीपक सक्सेना भी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि हमीदिया अस्पताल में सभी आवश्यक उपचार सुविधाएं उपलब्ध हैं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम लगातार मरीजों की देखभाल कर रही है।
मुख्यमंत्री बोले-बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर घायलों के पूर्ण उपचार को सुनिश्चित करें।राज्य सरकार हर घायल तक सर्वोत्तम इलाज पहुंचाएगी किसी को भी इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
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इंदौर में भी गन की बिक्री पर लगा प्रतिबंध
दिवाली के दौरान कार्बाइड गन के उपयोग से कम से कम 31 लोग, जिनमें अधिकांश बच्चे हैं, गंभीर आंखों की चोटों का शिकार हुए, जिसके बाद इंदौर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को इन खतरनाक खिलौना गनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। पुलिस ने कार्बाइड गन से जुड़े ‘रील्स’ या वीडियो बनाने और उन्हें सोशल मीडिया पर साझा करने पर भी रोक लगाई है।
अधिकारियों के अनुसार घर पर बनी ये साधारण गन गैस लाइटर, पीवीसी पाइप और कैल्शियम कार्बाइड से बनाई जाती है। पानी के संपर्क में आने पर यह एसीटिलीन गैस बनाती है और चिंगारी से फट जाती है। पाइप से निकलने वाले प्लास्टिक के टुकड़े शार्पनेल की तरह काम करते हैं और गंभीर चोटें पहुंचा सकते हैं।
जिला मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा ने धारा 163 के तहत आदेश जारी करते हुए कहा कि गैरकानूनी तरीके से बनाई गई कार्बाइड गनें जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। इसलिए इनका निर्माण, भंडारण, क्रय-विक्रय, वितरण, प्रदर्शन और उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाता है। पुलिस अतिरिक्त उपायुक्त राजेश डंडोटिया ने बताया कि केवल गन के क्रय-विक्रय और उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, बल्कि इनसे जुड़े वीडियो बनाना और सोशल मीडिया पर पोस्ट करना भी प्रतिबंधित किया गया है।
पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने आदेश जारी कर शहर के सभी थानों के प्रभारी अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज होगी, जिसमें एक साल तक जेल, 5,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव प्रसाद हासानी ने बताया कि दिवाली के दौरान शहर के अस्पतालों में 31 मरीज, जिनमें अधिकांश बच्चे हैं, कार्बाइड गन से लगी गंभीर आंख की चोटों के लिए आए। मरीज इंदौर, देवास, अगर-मलवा, सीहोर, शाजापुर, खंडवा, खरगोन और राजगढ़ जिलों से आए थे, जबकि एक मरीज झारखंड से भी आया। उनकी उम्र तीन से 31 साल के बीच थी। भोपाल और ग्वालियर जिलों में पहले ही कार्बाइड गन पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।



