जेन-जी आंदोलन में 80 अरब की संपत्ति का नुकसान, उद्योगों से लेकर सरकारी ढांचे तक बड़ा नुकसान

नेपाल में जेन-जी आंदोलन के दौरान 80 अरब नेपाली रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में सरकारी, निजी और स्थानीय संस्थानों का भारी नुकसान सामने आया।

नेपाल में आठ सितंबर को हुए जेन-जी आंदोलन और नौ सितंबर को हुए प्रदर्शन के दौरान 8,000 करोड़ (80 अरब) से अधिक नेपाली रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ।

अर्थ (फाइनेंस) मंत्रालय के अनुसार, जेन-जी प्रदर्शन के दौरान देशभर में सार्वजनिक संपत्ति, निजी व्यवसाय, संस्थान व व्यावसायिक समूहों को मिलाकर 80.22 अरब नेपाली रुपये की क्षति की प्रारंभिक रिपोर्ट आई है। क्षति मूल्यांकन तथा पुनर्निर्माण अध्ययन उपसमिति ने प्रारंभिक रिपोर्ट पर अर्थ मंत्रालय में चर्चा की।

सरकार जहां लगभग एक खरब रुपये तक की क्षति का अनुमान लगा रही थी, वहीं उपसमिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह राशि उससे लगभग 20 अरब रुपये कम बताई गई है। 80.22 अरब में से 39 अरब रुपये का निजी क्षेत्र को, 28 अरब का संघीय सरकार को, चार अरब का प्रांतीय सरकारों को तथा नौ अरब का स्थानीय संरचनाओं व उद्योग व्यवसायों को नुकसान हुआ है। बैठक में उपसमिति ने बताया कि अभी अंतिम विवरण आना बाकी है।

जेन-जी और ओली समर्थकों में हुआ टकराव, कर्फ्यू

भारत के सीमावर्ती नेपाल के बारा जिले में जेन-जी व सीपीएन-यूएमएल के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई। इसके बाद क्षेत्र में बुधवार को कर्फ्यू लागू कर दिया गया। सीपीएन-यूएमएल अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी है। बारा जिले के प्रशासनिक कार्यालय ने बताया कि सिमारा हवाईअड्डे के 500 मीटर के दायरे में दोपहर 12:30 बजे से रात आठ बजे तक कर्फ्यू रहेगा। यह फैसला जेन-जी व पूर्व प्रधानमंत्री के समर्थकों के बीच टकराव के बाद लेना पड़ा।

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ युवाओं की नारेबाजी के बाद बढ़ा तनाव

पुलिस ने बताया कि बड़ी संख्या में युवा सिमारा हवाईअड्डे पर जुट गए और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके बाद दोनों पक्षों में टकरवा हो गया। यह टकराव उस समय हुआ, जब पार्टी महासचिव शंकर पोखरेल व युवा नेता महेश बस्नेत काठमांडो से सिमारा आने वाले थे, जहां दोनों नेता सरकार विरोधी रैली को संबोधित करने वाले थे।

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