Diabetes के मरीजों को नहीं खाने चाहिए ये 5 फल

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर ग्लूकोज को ठीक से नहीं इस्तेमाल कर पाता है। इससे ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए हेल्दी डाइट (Diets Tips For Diabetes) का चुनाव करना बहुत जरूरी होता है।

फल, पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और हेल्दी डाइट का एक अहम हिस्सा भी होते हैं, लेकिन सभी फल (Fruits Not To Eat In Diabetes) डायबिटीज के मरीजों के लिए समान रूप से अच्छे नहीं होते। आइए जानें डायबिटीज के मरीजों को किन फलों से दूरी बनानी चाहिए।

कौन से फल नहीं खाने चाहिए?

यह जानना जरूरी है कि सभी फलों में नेचुरल रूप से शुगर होती है, जिसे फ्रुक्टोज कहते हैं। हालांकि, सभी फलों में फ्रुक्टोज की मात्रा समान नहीं होती। कुछ फलों में फ्रुक्टोज की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीजों को ऐसे फलों से बचना चाहिए जिनमें फ्रुक्टोज की मात्रा ज्यादा हो।

किन फलों से बचना चाहिए?

अंगूर– अंगूर में विटामिन-सी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते है, लेकिन इनमें नेचुरल शुगर की मात्रा भी ज्यादा होती है।

चेरी- चेरी में भी फ्रुक्टोज की मात्रा ज्यादा होती है।
अनानास- अनानास में नेचुरल शुगर की मात्रा ज्यादा होती है।
केला- केला में भी शुगर की मात्रा ज्यादा होती है।
आम- आम विटामिन-ए और सी का अच्छा सोर्स है, लेकिन इसमें शुगर की मात्रा ज्यादा होती है।

कौन से फल खा सकते हैं?
सेब- सेब में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो ब्लड शुगर के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ने में मदद करता है।
नाशपाती- नाशपाती में भी फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है।
संतरा- संतरा में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है।
अमरूद- अमरूद फाइबर से भरपूर होता है। साथ ही, इसमें विटामिन-सी भी होता है।
कीवी- कीवी विटामिन-सी और के का बेहतरीन सोर्स है। इसमें फाइबर, पोटेशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं।

फल खाते समय किन बातों का ध्यान रखें?
एक बार में बहुत सारे फल न खाएं।
खाने के साथ फल खाने से बचें।
ताजे फलों को डाइट में ज्यादा प्रायोरिटी दें।
जहां तक हो सके, फलों को छिलके सहित खाएं।
फलों के जूस में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए फलों का रस पीने से बचें।
फलों के जैम में चीनी की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए फलों के जैम खाने से बचें।
डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाइट के बारे में डाइटिशियन से सलाह लेनी चाहिए।

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