Ind vs Aus: टीम इंडिया को 36 साल बाद टेस्ट मैच जीतने का मौका मिला लेकिन यह काम इतना आसान नहीं था
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट मैच को टीम इंडिया ने 137 रन से जीतकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाई।
मेलबर्न के ऐतिहासिक मैदान पर भारतीय टीम की यह तीसरी टेस्ट जीत रही। इस मैदान पर टीम इंडिया को 36 साल बाद टेस्ट मैच जीतने का मौका मिला लेकिन यह काम इतना आसान नहीं था तो चलिए आपको बताते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने इस काम को बेहद आसान बना दिया।
जसप्रीत बुमराह
बुमराह ने मेलबर्न में खेले गए टेस्ट मैच में कुल 9 विकेट चटकाए। इस मैच की पहली पारी में बुमराह ने छह बल्लेबाजों का शिकार किया, तो दूसरी पारी में भी उन्होंने तीन अहम विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी।
इस मैच में बुमराह ने 86 रन देकर 9 विकेट लिए और वो ऑस्ट्रेलिया की धरती पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय तेज गेंदबाज भी बन गए। बुमराह से पहले अजीत अगरकर ने 2003 में खेले गए एडिलेड टेस्ट में 160 रन देकर 8 विकेट चटकाए थे। उससे भी पहले 1985 में कपिल देव ने एडिलेड में 109 रन देकर 8 विकेट लिए थे। लेकिन बुमराह ने इन दोनों को पीछे छोड़ दिया
चेतेश्वर पुजारा
मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा ने शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए शतक जमाया। यह शतक भले ही उनके टेस्ट करियर का सबसे धीमा शतक रहा हो लेकिन इस शतक ने टीम इंडिया को जो मजबूती प्रदान की उसी की बदौलत भारतीय टीम पहली पारी में 400 रन के आंकड़े को पार कर सकी। आपको बता दें कि इस टेस्ट सीरीज में पुजारा का यह दूसरा शतक रहा उन्होंने इससे पहले एडिलेड टेस्ट में भी शतक जमाया था। उस टेस्ट मैच में भी भारत को जीत मिली थी।
विराट कोहली
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी इस टेस्ट मैच की पहली पारी में 82 रन की शानदार पारी खेली भले ही कोहली इस टेस्ट में शतक से चूक गए हो लेकिन पुजारा के साथ हुई इनकी साझेदारी साझेदारी ने भारत को 443 रन के स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। विराट कोहली इस सीरीज में शानदार फॉर्म में है उन्होंने पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भी शानदार शतक जमाया था और उसके बाद मेलबर्न में भी उन्होंने अर्धशतक जमाकर दिखा दिया कि कोहली को यूं ही दुनिया का दिग्गज बल्लेबाज नहीं कहा जाता।
मयंक अग्रवाल
अपना डेब्यु टेस्ट मैच खेल रहे मयंक अग्रवाल ने टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई। इस टेस्ट की पहली पारी में मयंक ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 76 रन बनाए। इस सीरीज में किसी भी भारतीय ओपनिंग बल्लेबाज द्वारा बनाया गया यह पहला अर्धशतक रहा है। इतना ही नहीं दूसरी पारी में जब एक और से विकेट गिर रहे थे तो मयंक ने एक छोर को मजबूती से थामे रखा और अंगद की तरह विकेट पर जमे रहे। दूसरी पारी में उन्होंने 44 रन बनाए।
हनुमा विहारी
भारत के लिए पहली बार ओपनिंग करने उतरे हनुमा विहारी ने इस टेस्ट मैच में भले ही ज्यादा रन बनाए हो लेकिन उनकी अहमियत को कम नहीं आंका जा सकता। मेलबर्न टेस्ट में हनुमा विहारी ने जो काम भारत के लिए किया वह उनके स्थाई ओपनर भी नहीं कर सके थे।
हनुमा ने मेलबर्न टेस्ट मैच की पहली पारी में काफी अच्छी बल्लेबाजी की। उन्होंने 66 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ 8 रन बनाए लेकिन उनके द्वारा बनाए गए 8 रन से ज्यादा अहमियत 66 गेंदों की है जो उन्होंने खेली। ऑस्ट्रेलियाई अटैक के सामने नई गेंद से यह 66 गेंद खेलना कोई आसान काम नहीं था। हनुमा ने ना सिर्फ इस काम को अंजाम दिया बल्कि गेंद को पुराना भी किया और इसका फायदा कोहली और पुजारा ने बखूबी उठाया। इसी वजह से हनुमा विहारी भी भारत की जीत के अहम हीरो हैं।