VVIP हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिये मिशेल को भारत लाया गया, कोर्ट में पेशी आज
अगुस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर (Agustawestland Case) सौदे में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चियन मिशेल (Christian Michel) को मंगलवार रात यूएई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। इसे सौदे में घूसखोरी के आरोपों की जांच कर रहीं भारतीय जांच एजेंसियों के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। क्रिश्चियन मिशेल को आज सीबीआई कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा, जहां पर उसकी रिमांड लेने की मांग की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई सरकार ने मंगलवार को ब्रिटिश नागरिक मिशेल के प्रत्यर्पण की मंजूरी दी, जिसके बाद उसे दुबई से एक विमान के जरिये भारत लाया गया। यूएई की शीर्ष अदालत ने पिछले महीने मिशेल के प्रर्त्यपण के निचले अदालत के फैसले पर मुहर लगाई थी। 54 साल के मिशेल से पूछताछ में सौदे में घूसखोरी के अहम राज खुल सकते हैं। भारतीय जांच एजेंसियां 3600 करोड़ रुपये के हेलीकाप्टर सौदे में मिशेल को दबोचने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थीं। इंटरपोल और सीआईडी ने आरोपी के प्रत्यर्पण में अहम भूमिका निभाई है।
मिशेल सौदे के तीन बिचौलियों में से एक माना जाता है। सीबीआई का आरोप है कि मिशेल के अलावा गुइदो हश्के और कार्लो गेरोसा का भी घूसखोरी की रकम सौदे से जुड़े लोगों तक पहुंचाने में हाथ था। आरोपों के मुताबिक, अगुस्ता ने सौदा हासिल करने के लिए 423 करोड़ रुपये की घूस दी, जो डील की शर्तों का उल्लंघन था, इसमें मिशेल को 225 करोड़ दिए गए। सीबीआई का आरोप है कि सौदे की वजह से करीब 2666 करोड़ का नुकसान सरकार को हुआ।
भारत लाने की कोशिश पिछले साल शुरू हुई
भारत ने मिशेल के प्रत्यर्पण के लिए दुबई से 2017 में औपचारिक अनुरोध किया था। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के आधार पर तमाम सबूत और दस्तावेज यूएई सरकार को सौंपे गए थे। कोर्ट से गैर जमानती वारंट हासिल करने के बाद जांच एजेंसियों ने इंटरपोल से संपर्क साधा था।