एनडीए की ओर से लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ओम बिड़ला लोकसभा के स्पीकर चुने गए….
एनडीए की ओर से लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ओम बिड़ला लोकसभा के स्पीकर चुने गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने उनके नाम का प्रस्ताव दिया था. उसके बाद उनके निर्वाचन की घोषणा की गई. हालांकि जानकारों के मुताबिक अब तक वरिष्ठ सांसदों द्वारा लोकसभा अध्यक्ष का पद संभालने की परंपरा रही है और भाजपा सांसद ओम बिड़ला इस मामले में अपेक्षाकृत कम अनुभवी माने जा रहे हैं.
वहीं नवनिर्वाचित लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के राजनीतिक सफर की बात करें तो बिड़ला ने 2003 में राजस्थान विधानसभा चुनावों में कोटा दक्षिण सीट पर कांग्रेस के दिग्गज शांति धारीवाल को हराकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा. वह लगातार तीन बार विधायक रहे.
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, बिड़ला छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं. इसके बाद वह भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े रहे और जिला एवं राज्य स्तर पर इसकी अगुवाई की. बिड़ला को मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है.
साल 2014 के आम चुनाव में पार्टी ने उन्हें कोटा सीट से लोकसभा प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत दर्ज की. साल 2019 के आम चुनाव में बिरला ने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 2,79,677 मतों से हराया. दस्तावेजों के अनुसार, बिड़ला का जन्म 23 नवंबर 1962 को हुआ. उनके पिता श्रीकृष्ण बिड़ला सरकारी सेवा में थे जबकि मां शकुंतला गृहिणी थीं. 57 वर्षीय बिड़ला के लिए कोटा जन्मभूमि व कर्मभूमि दोनों रही है.
उन्होंने स्कूली शिक्षा कोटा के गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से की और उसके बाद बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.कॉम व एम.कॉम किया. उनकी शादी अमिता से हुई और उनके दो बेटियां अंजली, आकांक्षा हैं. अमिता पेशे से डॉक्टर हैं. लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर ओम बिड़ला ने आठ बार सांसद रह चुकीं सुमित्रा महाजन की जगह ली है.
आपको बता दें कि ओम बिड़ला पिछले 16 सालों से कोटा का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं. वह यहां से तीन बार विधायक और दो बार कोटा बूंदी लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं. इसके अलावा 2003 से 2008 वाली वसुंधरा राजे की नेतृत्व वाली राजस्थान की बीजेपी भाजपा सरकार में संसदीय सचिव भी बने थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में कोटा बूंदी सांसद ओम बिरला ने अपने नजदीकी उम्मीदवार कांग्रेस प्रत्याशी रामनारायण मीणा को 2,79000 वोटों से शिकस्त दी थी.