एलियंस को लेकर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा

एलियन्स को लेकर अक्सर कई तरह के दावे किए जाते हैं, जिन पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में यदि कोई आपसे कहे कि एलियन्स यानी दूसरी दुनिया के जीव हम इंसानों के बीच ही पृथ्वी पर छिपकर रह रहे हैं, तो आप क्या कहेंगे? निश्चित तौर पर आप इस बात पर यकीन नहीं कर पाएंगे। लेकिन आपको बता दें कि यह कोई आई गई अफवाह नहीं है।

दरअसल हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कुछ ऐसा ही दावा किया गया है। यह ‘क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल’ प्राणियों की ऐसी हाइपोथीसिस है, जिसके तहत दो बातों की संभावना है- पहला या तो दूसरी दुनिया के जीव (एलियन) छिपकर रह हमारे बीच रहे हैं। दूसरा या फिर कुछ बुद्धिमान समूह या संस्थाएं खुद को गुप्त रखे हुए है। हालांकि इन दोनों ही बातों में किसी एक की पुष्टि अभी तक नहीं हो सकती है।

पिछले साल सैकड़ों यूएफओ देखे जाने वाली नासा की जांच में सामने आया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ऐसी घटनाओं के पीछे एलियंस ही थे। हालांकि एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी इस संभावना से पूरी तरह इंकार भी नहीं करती है। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन का कहना है कि, दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी न केवल संभावित यूएपी घटनाओं पर शोध करेगी, बल्कि बेहद ट्रांसपेरेंट डेटा शेयर भी करेगी।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ह्यूमन फ्लोरिशिंग प्रोग्राम के इस अध्ययन में कई अनुमान वाले सिद्धांतों के बारे में भी बात की गई है। इसमें प्राचीन मानव सभ्यताओं से लेकर गैर मानव प्रजातियां जो अपने समय में बेहद एडवांस्ड थे, परियों और कल्पित बौने जैसी रहस्यमयी बातों तक के अस्तित्व के बारे में लिखा गया है। यह शोध दल डॉ. एमिली रॉबर्ट्स के नेतृत्व में है।

इस शोध का मकसद था, क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल अनुमानों (परिकल्पनाओं के हो सकने की संभावना) को जांचना और अज्ञात हवाई घटना (यूएपी) जैसी आधुनिक घटनाओं से उनके संबंध के बारे में पता लगाने का प्रयास।

आपको जानकर हैरानी होगी कि अंटार्कटिका और समुद्र की गहराई जैसे स्थानों पर छिपी हुई सुविधाओं के दावों ने वैज्ञानिकों और एलियन खोजों को लेकर उत्सुक लोगों को वाकई में परेशान किया हुआ है। डॉ. रॉबर्ट्स का कहना है कि, इनमें से कई दावों में सबूतों का अभाव है, फिर भी अज्ञात के प्रति आकर्षण और छिपे हुए स्थानों की संभावना रखी जाती है।

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