कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली में गरजे नेता, गहलोत बोले- अंग्रेजों जैसी है भाजपा की नीति

जोधपुर: कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही है।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर में संविधान बचाओ रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, एआईसीसी प्रभारी रितिक मकवाना, पीसीसी प्रभारी विक्रम शेखावत और रैली प्रभारी रामसहाय बाजवा सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। रैली में जोधपुर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान से ही जनता को वोट की ताकत मिली है, जिसे आज खतरे में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा- भाजपा के पास आज कहने को कुछ नहीं है, इसलिए वे 50 साल पुराने आपातकाल की बात करते हैं। जबकि उस समय इंदिरा गांधी की सरकार चली गई थी, मगर फिर लोकतांत्रिक तरीके से वापस सत्ता में आई। गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है और चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को गिराकर भाजपा ने सत्ता हासिल की। भाजपा की नीति अब अंग्रेजों जैसी हो चुकी है- बांटो और राज करो।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राजस्थान का पाटिया ही साफ हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री खुद कहते हैं कि उन्होंने डेढ़ साल में वह काम कर दिया, जो कांग्रेस ने पांच साल में नहीं किया, लेकिन अब भी लोग यही सोच रहे हैं कि क्या सच में वे मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को छह-छह घंटे बैठकों में बंधक बनाकर रखने का भी आरोप लगाया।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा संविधान को तोड़-मरोड़ रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सदन के एक मामले में राहुल गांधी की सदस्यता तत्काल बर्खास्त कर दी गई, लेकिन भाजपा विधायक की सदस्यता रद्द करने में 23 दिन लग गए।

नेताओं ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और नौकरशाही के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी चिंता जताई। डोटासरा ने कहा कि केवल आलोचना करने से काम नहीं चलेगा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गांव-ढाणी में जाकर जनता की समस्याएं समझनी होंगी, तभी पार्टी मजबूत हो पाएगी। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि संविधान बचाओ रैली इस समय की जरूरत है क्योंकि भाजपा की राज्य और केंद्र सरकारें लोकतंत्र की बुनियादी आत्मा संविधान को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे संविधान की रक्षा के लिए आगे आएं।

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