गिरिराज सिंह बोले, ‘हनुमान जी को अपनाकर मुसलमान बन गए श्रीराम के वंशज’
राजस्थान में विधानसभा चुनाव तो खत्म हो गए लेकिन इन चुनावों में प्रचार के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान जी की जाति को लेकर दिया गया बयान आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है. देश के कई नेताओं ने हनुमान जी को अपने-अपने समुदाय का बताया है. अब इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री और बिहार बीजेपी के बड़े नेता गिरिराज सिंह ने भी अपनी बात रखी है. गिरिराज सिंह ने कहा है कि अब मुसलमान भी हनुमान जी को स्वीकार करने लगे हैं उन्होंने इसे शुभ संकेत बताया .
24 दिसंबर शाम को किए अपने ट्वीट में गिरिराज सिंह ने लिखा है, ‘अब मुसलमान भी हमारे आराध्य देव हनुमान जी को स्वीकर करने लगे है, इस तरह वह खुद को राम के वंशज मानने लगे हैं.’
आपको बता दें कि राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमानजी को दलित बताया था. जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी. लेकिन अलग-अलग नेताओं के बयानों ने इस विवाद को तब से लेकर अब तक बनाए रखा. किसी ने हनुमान जी को आदिवासी बताया तो किसी ने जाट, किसी उन्हें मुसलमान बताया तो किसी ने उन्हें खिलाड़ी बताते हुए अपना आराध्य देव करार दिया था.
पूर्व क्रिकेटर और विधायक ने बताया खिलाड़ी
उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के नौगांव सादात से विधायक चेतन चौहान ने अपने बयान में कहा, “ हनुमान जी कुश्ती लड़ते थे, खिलाड़ी भी थे, जितने भी पहलवान लोग हैं उनकी पूजा करते हैं. मैं उनको वही मानता हूं, हमारे इष्ट हैं, भगवान की कोई जाति नहीं होती. मैं उनको जाति में नहीं बांटना चाहता.” चेतन दो बार अमरोहा से सांसद भी रह चुके हैं. इन दिनों ने उत्तर प्रदेश सरकार में खेल, युवा कल्याण मंत्री हैं.
यूपी के मंत्री ने बताया जाट
उत्तर प्रदेश सरकार में धर्मार्थ कार्य मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने भगवान हुनमान को जाट बताया था. इससे पहले दिया. इसके पीछे उनका तर्क था कि ‘अगर जाट समुदाय किसी को भी मुसीबत से घिरा हुआ देखता है तो वह बिना मुसला और व्यक्ति को जाने उसकी मदद के लिए कूद जाता है’.
यूपी के एमएलसी ने बताया मुसलमान
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी बुक्कल नवाब ने हनुमान जी को मुस्लिम बताया था. बुक्कल नवाब कहते हैं कि हनुमान जी पूरे विश्व के थे, हर धर्म के थे, हर मजहब के थे. इतना ही नहीं बीजेपी के एमएलसी बुक्कल नवाब तो यह भी कहते हैं कि ‘हमारा मानना है कि हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए हमारे अंदर जो नाम रखे जाते हैं, रहमान, रमजान, फरमान, जिशान, कुर्बान, जैसे जितने भी नाम रखे जाते हैं, वो करीब-करीब हनुमान जी के नाम पर ही रखे जाते हैं.’ बुक्कल नवाब की मानें तो यही वजह है कि हनुमान के नाम पर कोई हिन्दू अपना नाम नहीं रखता.
राजस्थान बीजेपी नेता ने बताया आदिवासी
राजस्थान में अलवर के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने हनुमानजी को दुनिया का पहला आदिवासी नेता बताया था. उन्होंने कहा था कि अन्य सभी देवी-देवताओं के मुकाबले हनुमानजी के ही मंदिर सबसे ज्यादा हैं, इसलिए उनके सम्मान में कुछ भी गलत नहीं कहना चाहिए. हनुमानजी जंगल में रहते थे और वानर समुदाय का प्रतिनिधित्व करते थे. उन्होंने सीताजी की खोज में भगवान राम की मदद की थी. वानर समुदाय के वे लोकप्रिय और शक्तिशाली नेता थे. इन सब बातों से साफ जाहिर है कि हनुमान जी दुनिया के पहले आदिवासी नेता थे.