गूगल इंजीनियर ने किया ये बड़ा दावा, इंसान की तरह बर्ताव कर रहा है AI चैटबॉट, जरुर पढ़ें पूरी खबर 

इंसान और मशीन एक दूसरे से काफी अलग है। जहां हम इंसान हर काम सोच समझ के करते है, वहीं मशीने हमारी कंमाड को फॉलो करती हैं। इंसानो में भावनाएं और संवेदनाएं है, जबकि मशीनें इससे परे है। हालांकि बदलते समय के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)  ने मशीन में भी सोचने समझने की क्षमता थोड़ी विकसित कर दी है, पर अभी भी यह वास्तविकता से काफी दूर है। लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि आजकल मशीनें भी इंसानों की तरह हरकत करने लगे तो, आप क्या कहेंगे?

गूगल के साथ काम करने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ब्लेक का दावा है कि गूगल के सर्वर में एक ऐसा AI चैटबॉट है, जो इंसानी भावनाओं को समझ सकता है और इसमें संवेदनाएं है। बता दें कि गूगल की अपने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस डवलपमेंट टीम में काम करने वाले ब्लेक पर कंपनी की जानकारी को बाहर साझा करने का आरोप लगाया है और उन्हें कंपनी से सस्पेंड कर दिया है।

ब्लेक ने बताया कि कंपनी नें उन्हें पिछले हफ्ते पेड लीव पर भेज दिया था। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी बता था कि कंपनी के गोपनीयता से जुड़े नियमों का तोड़ने की वजह से इन्हें कंपनी से निकाला भी जा सकता है। कंपनी से सस्पेंड होने के बाद ब्लेक ने द वॉशिंगटन पोस्ट  को एक इंटरव्यू दिया। इसमें ब्लेक ने दावा किया कि उन्होंने एक गूगल AI से बात की, जो इंसान की तरह बर्ताव करता है। उन्होंने जिस AI बॉट को लेकर यह दावा किया है,उसे LaMDA या लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग ऐप्लिकेशंस कहा गया है।

ब्लेक ने बताया कि अपनी बात को साबित करने के लिए उन्होंने एक एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश की थी। लेकिन कंपनी ने इस बात के लिए मना कर दिया और उन्हें पेड लीव पर भेज दिया गया। गूगल की तरफ से ब्रायन गेब्रियल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज के कन्वर्सेशन मॉडल इतने संवेदनशील नहीं हैं। लेकिन हम इस दिशा में काम जरूर कर रहे हैं।

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