छोटूराम व विवेकानंद नगर जलमग्न, एसडीआरएफ के साथ सेना ने संभाला मोर्चा

बहादुरगढ़ के वार्ड 18 के विवेकानंद नगर की कई गलियों में दो से तीन फीट पानी भरा हुआ मिला। पानी निकासी के लिए प्रशासन ने पंप सेट तो लगाए लेकिन कालोनी का पूरा एरिया मुंगेशपुर ड्रेन के किनारे लगता है और ड्रेन ओवरफ्लो है। ऐसे में पंप सेट से पानी की निकासी का प्रयास बेवकूफी ही है।

एक सप्ताह से बहादुरगढ़ में मुंगेशपुर ड्रेन ओवरफ्लो होने से कई कॉलोनियों में दो से तीन फीट पानी भरा हुआ है। लोगों का काम धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है। लोगों को 800 मीटर गंदे पानी में चलकर अपने काम पर जाना पड़ रहा है। मोर्चा संभालने के लिए हिसार कैंट से सेना के 80 जवानों को बुलाया गया है। छोटूराम नगर में लोगों की दुकान में रखा सारा सामान खराब हो रहा है। य

ह बिक नहीं रहा है और ना ही बाहर से सामान ला पा रहे हैं। लोगों को गुजारा चलाना मुश्किल हाे गया है। हर रोज दुकान तो खुलती है लेकिन कोई भी सामान खरीदने नहीं आ रहा है। गली में पानी भरा होने की वजह से कोई भी सामान लेने नहीं आ रहा है। नेता आते है और चले जाते हैं। पानी की निकासी नहीं हो रही है। अगर कुछ दिन और ही ऐसा रहा तो कैसे काम चलेगा। क्या खाएंगे।

गीता देवी बहादुरगढ़ के छोटूराम नगर की गली नंबर 10 में रहती हैं। परिवार का पालन पोषण करने के लिए यहां दुकान चलाती हैं। क्षेत्र में बारिश होने और नगर के साथ से गुजरने वाली मुंगेशपुर ड्रेन के ओवरफ्लो होने से वार्ड 9 व 10 के अंतर्गत आने वाले छोटूराम नगर के करीब एक चौथाई हिस्से में पानी भर गया है। प्रशासन की ओर से यहां का पानी निकालने और ड्रेन के किनारों की बंधाई करने के लिए फिलहाल कोई प्रबंध नहीं किए हैं। जिला प्रशासन यहां से करीब चार किलोमीटर दूर झाड़ौदा बार्डर की तरफ टूटी ड्रेन को ठीक करने में जुटा हुआ है ताकि दिल्ली के झाड़ौदा, गीतांजलि कालोनी और बहादुरगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र एमआईई में बाढ़ की स्थिति से बचा जा सके।

छोटूराम नगर में गीता अकेली नहीं है, जो यहां पर जलभराव की परेशानी से जूझ रही है। यहां रहने वाली करीब दो हजार से ज्यादा की आबादी को खाने-पीने और रहने की चिंता सता रही है। मुंगेशपुर ड्रेन की वजह से अकेला छोटूराम नगर ही नहीं बल्कि शहर के वार्ड 18 का विवेकानंद नगर, साथ लगता गांव परनाला, एमआईई पार्ट बी का औद्योगिक क्षेत्र और बार्डर से सटी दिल्ली की गीतांजलि कालोनी व झाड़ौदा गांव बाढ़ की चपेट में है। दिल्ली की कालोनियों में तो चार से पांच फीट तक पानी भरा है। लोग घरों में कैद हैं। बहादुरगढ़ में करीब 5 हजार से ज्यादा आबादी प्रभावित है।

विवेकानंद नगर में पार्षद के घर के बाहर भी पानी भरा
वार्ड 18 के विवेकानंद नगर की कई गलियों में दो से तीन फीट पानी भरा हुआ मिला। पानी निकासी के लिए प्रशासन ने पंप सेट तो लगाए लेकिन कालोनी का पूरा एरिया मुंगेशपुर ड्रेन के किनारे लगता है और ड्रेन ओवरफ्लो है। ऐसे में पंप सेट से पानी की निकासी का प्रयास बेवकूफी ही है। यह कालोनी शहर के पाश इलाकों में गिनी जाती है। एक सप्ताह पहले जब ड्रेन ओवरफ्लो हुई तो नगर की सभी गलियों में पानी भर गया। यहां के कई घरों में पानी घुस गया तो लोग प्रथम तल पर शिफ्ट हो गए। खुद वार्ड के पार्षद संदीप दहिया के मकान में भी पानी घुसने के कारण उनका पूरा परिवार प्रथम तल पर शिफ्ट हो गया।

एक सप्ताह बाद दोपहर को प्रशासन ने यहां पर ड्रेन के किनारे बांधने के लिए मिट्टी और कर्मचारी भेजे। ऐसे में पार्षद संदीप दहिया खुद अपने कुछ वार्ड वासियों के साथ मिलकर ड्रेन से बह रहे पानी को रोकने के कार्य में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि लोग घरों में कैद हो गए हैं। ड्यूटी पर जाने के लिए पानी से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में कई ने छुट्टी ही कर रखी है। मुंगेशपुर ड्रेन में क्षमता से अधिक पानी बह रहा है। कई जगह से किनारे टूट चुके हैं। छोटूराम नगर में एक सप्ताह से ज्यादा समय होने की वजह से पानी बिल्कुल सड़कर काला हो चुका है। यहां पर अकेले ड्रेन की वजह से नहीं बल्कि पास स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी भी भर रहा है। ऐसे में लोग काफी परेशान दिखाई दिए।

छोटूराम नगर में ड्यूटी से घर लौट रही मधुबाला एक फैक्ट्री में काम करती हैं। तीन दिन से हर रोज सुबह शाम करीब 800 मीटर तक गली में भरे पानी होकर डयूटी पर जाना पड़ता है। बोली कि अगर घर बैठ गए तो पेट कौन पालेगा। बबली और उनके पति भी परेशान हैं। पति कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे हैं। यहां से गुजर रहे एक ट्रैक्टर चालक सतीश राठी ने बताया कि वे हसनपुर परनाला के रहने वाले है। राठी बताते हैं कि छोटूराम नगर में उनके खेत हैं। एक मकान बना भी रखा है। यहां पर ट्रैक्टर के माध्यम से ही आते जाते है। बोले कि जब भी आता जाता हूं तो जो लोग मिलते हैं उन्हें ट्रैक्टर पर बैठाकर छोड़ देता हूं।

सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता इशान सिवाच बताते हैं कि मुंगेशपुर ड्रेन सोनीपत के गांव मंडोरा से शुरू होती है। यहां से फिरोजपुर बांगर और फिर दिल्ली के गांव मुंगेशपुर, कंझावला और निजामपुर से होते हुए बहादुरगढ़ के गांव परनाला की तरफ से शहर में प्रवेश करती है। बहादुरगढ़ में इसकी लंबाई करीब पांच किलोमीटर है। शहर के छोटूराम नगर, विवेकानंद नगर, सेक्टर 9 बाईपास और एमआईई एरिया से दिल्ली के गांव झाड़ौदा में प्रवेश कर जाती है। यह ड्रेन नजफगढ़ ड्रेन में मिलती है। इस ड्रेन की क्षमता बहादुरगढ़ एरिया में 2680 क्यूसिक पानी की है लेकिन इसके कैचमेंट एरिया में बरसात होने की वजह से फिलहाल ड्रेन में 3500 क्यूसिक से ज्यादा पानी बह रहा है। ड्रेन कई जगह से ओवरफ्लो है और दिल्ली के झाड़ौदा बार्डर की तरफ टूटी हुई है।

बहादुरगढ़ के एसडीएम नसीब कुमार ने बताया कि सिंचाई विभाग व नगर परिषद के 100 से ज्यादा कर्मचारी, एसडीआरएफ के 25 जवानों के साथ सेना के 80 जवान ड्रेन की बंधाई के काम में जुटे हुए है। सेना की एक कंपनी हिसार कैंट से बुलाई गई है। यहां के पानी की निकासी के लिए 16 पंप सेट भी लगाए गए हैं। जल्द ही जलभराव की स्थिति से निपट लिया जाएगा।

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