जयपुर: एक साथ पांच शावकों की किलकारी से गूंजा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में कल बाघिन रानी ने एक साथ पांच शावकों को जन्म दिया। वन विभाग ने अब गर्मी से इनकी देखभाल के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। गौरतलब है कि बायोलॉजिकल पार्क में इस समय कुल आठ बाघ मौजूद हैं।

जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से वन्यजीव प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। यहां बाघिन रानी ने रविवार को एक साथ पांच शावकों को जन्म दिया है। पांचों शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं और पार्क के अधिकारी उनकी देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। खास बात यह है कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार किसी बाघिन ने एक साथ पांच शावकों को जन्म दिया है।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार रानी ने 11 महीने 17 दिन पहले भी तीन शावकों को जन्म दिया था। इस बार जन्मे शावकों में चार का रंग सुनहरा (गोल्डन) और एक का रंग सफेद है, जो सभी पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के बीच आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं।

डीसीएफ विजयपाल सिंह ने बताया कि बाघिन रानी के गर्भवती होने की जानकारी मिलते ही उसकी विशेष निगरानी शुरू कर दी गई थी। रविवार को दोपहर के समय रानी ने सुरक्षित रूप से पांच शावकों को जन्म दिया। शावकों के जन्म के बाद से पार्क में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। बाघिन और उसके शावकों पर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है।

रानी और शावकों को गर्मी से बचाने के लिए कूलर लगाए गए हैं और उनके बाड़े के चारों ओर टाट की बोरियां लगाई गई हैं, जिन्हें नियमित रूप से पानी से गीला किया जा रहा है ताकि तापमान नियंत्रित रह सके। इसके साथ ही एक विशेष केयर टेकर को भी नियुक्त किया गया है, जो बाघिन और शावकों की दिन-रात देखभाल कर रहा है।

जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इस समय कुल आठ बाघ मौजूद हैं। हालांकि हाल ही में जन्मे इन शावकों को वन विभाग की गिनती में शामिल करने के लिए एक से डेढ़ साल तक इंतजार किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल 10 मई 2024 को भी बाघिन रानी ने तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से दो शावक अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और पार्क में पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुके हैं।

बाघिन रानी की यह उपलब्धि न केवल नाहरगढ़ के लिए बल्कि पूरे राजस्थान के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि यह नई पीढ़ी पार्क में बाघों की संख्या बढ़ाने और जैव विविधता को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Related Articles

Back to top button