जयशंकर ने हिंद-प्रशांत के लिए सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर, जी7 देशों को बताया साझेदार

इटली के फियुगी शहर में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में आमंत्रित जयशंकर ने कहा, “ऐसे समय, जब सहयोग बढ़ाने से जुड़ी कोशिशें जारीं हैं, तब हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भी व्यवहारिक समाधान, तेज कूटनीति, बेहतर समायोजन और ज्यादा खुली बातचीत की जरूरत है। इस काम में जी7 एक अच्छा साझेदार हो सकता है।”

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर क्वाड की स्थापना और इसकी उन्नति को पूरी दुनिया के लिए एक अहम घटनाक्रम करार दिया है। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत इस वक्त बड़े बदलावों को अनुभव कर रहा है। इनमें नई साझेदारियां और साझा हितों का साथ आना शामिल है।

इटली के फियुगी शहर में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में आमंत्रित जयशंकर ने कहा, “ऐसे समय, जब सहयोग बढ़ाने से जुड़ी कोशिशें जारीं हैं, तब हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भी व्यवहारिक समाधान, तेज कूटनीति, बेहतर समायोजन और ज्यादा खुली बातचीत की जरूरत है। इस काम में जी7 एक अच्छा साझेदार हो सकता है।”

बता दें कि क्वाड समूह ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का गठबंधन है। इसकी स्थापना हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के मकसद से हुई थी। विदेश मंत्री इसी मुद्दे को लेकर जी7 के विदेश मंत्रियों की 24-26 नवंबर को होने वाली आधिकारिक बैठक में भारत की तरफ से बतौर अतिथि पहुंचे।

जयशंकर ने इस सत्र के खत्म होने के बाद कहा, “क्वाड का विकास एक अहम घटनाक्रम रहा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र का आज का परिदृश्य बड़े स्तर पर सहयोगात्मक दृष्टिकोण के पक्ष में तर्क पेश करता है। यह सहयोग नौसैन्य क्षेत्र के अलावा सेमीकंडक्टर, सप्लाई चेन व अन्य क्षेत्रों में हो सकता है।”

जयशंकर ने चीन का नाम लिए बिना उसकी बेल्ट एंड रोड परियोजना की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हिंद प्रशांत में देशों का सहयोग ज्यादा संसाधन जुटाने, खराब कर्ज या अवहनीय कर्ज को रोकने और क्षेत्र में ज्यादा गतिविधि का समर्थन करने में अहम साबित हो सकता है। इसके अलावा शासन, स्वास्थ्य, तकनीक, आपदा और प्राकृतिक संसाधान के प्रबंधन में भी नई और अहम क्षमताएं पैदा की जा सकती हैं।

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