दिल्ली की सांसों में घुलने लगा जहर : सर्दी शुरू होने से पहले ही एक्यूआई 292
सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले ही प्रदूषण बढ़ने से सांसों में जहर घुलने लगा है। राष्ट्रीय राजधानी की हवा बेहद खराब श्रेणी की ओर पहुंच गई है। शुक्रवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 292 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति शनिवार को भी बने रहने की आशंका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का अनुमान है कि रविवार से वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी यानी एक्यूआई 301 से ज्यादा हो सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में सांसों पर संकट और गहराएगा।
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, एनसीआर में गुरुग्राम का एक्यूआई सबसे कम 204 रहा, जो खराब श्रेणी है। फरीदाबाद में 242, ग्रेटर नोएडा में 264, गाजियाबाद में 258 और नोएडा में एक्यूआई 242 रहा। वहीं, दिल्ली में आनंद विहार और वजीरपुर सहित 13 इलाकों में हवा अति गंभीर से गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। रोहिणी, द्वारका, अशोक विहार समेत 19 इलाकों में हवा बेहद खराब श्रेणी में रही। डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के अनुसार, प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 0.582 फीसदी रही। वहीं, खुले में कूड़ा जलने से धुएं की हिस्सेदारी 1.27 फीसदी रही। शनिवार को हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 1.87 फीसदी रह सकती है।
80 मोबाइल एंटी स्मॉग गन से रोकेंगे प्रदूषण
राजधानी में प्रदूषण के 13 हॉटस्पॉट हैं। यहां प्रदूषण कम करने के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने समन्वय समितियां बनाई हैं। उन्होंने शुक्रवार को संबंधित विभागों के साथ बैठक की। राय ने बताया कि धूल प्रदूषण कम करने के लिए राजधानी में 80 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं। एमसीडी के डीसी को सभी संबंधित अधिकारियों के साथ हॉटस्पॉट का लगातार दौरा करने का निर्देश दिया गया है।
हॉटस्पॉट में प्रदूषण के मुख्य स्रोत
- आनंद विहार : आनंद विहार बस स्टेशन के सामने क्षतिग्रस्त सड़कें, वाहनों के आवागमन से धूल उत्पन्न होना। चौधरी चरण सिंह मार्ग पर जाम की समस्या, सड़क के किनारों पर धूल का जमाव, एनसीआरटीसी कंस्ट्रक्शन साइट प्रोजेक्ट, रेलवे एसटीपी के पास कच्चा क्षेत्र, एकीकृत पूर्वी दिल्ली हब प्रोजेक्ट, रेलवे स्टेशन के निकास पर जाम प्रदूषण के स्रोत हैं।
- अशोक विहार : सीएक्यूएम स्टेशन के सामने सड़क की धूल, ट्रैफिक जाम (आजादपुर मेट्रो से आजादपुर बस टर्मिनल), मेट्रो प्रोजेक्ट के बगल में गुरजनवाला टाउन के पास कच्ची सड़क, प्रदूषण के स्रोत हैं।
- द्वारका : सड़क पर धूल, डीडीए ग्राउंड में कचरा और सीएंडडी कचरे की अवैध डंपिंग प्रदूषण के स्रोत हैं।
- मुंडका : यहां पर मॉनिटरिंग स्टेशन के पास शहरी विस्तार रोड-2 (यूईआर-2) के निर्माण से भारी धूल उत्सर्जन, आरएमसी प्लांट का संचालन, पास के दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर कच्चे रास्ते और गड्ढों के कारण भारी मात्रा में धूल उड़ना, दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर यातायात की मात्रा अधिक होने और मुंडका औद्योगिक क्षेत्र मेट्रो स्टेशन चौराहे के नीचे यातायात की भीड़ प्रदूषण के स्रोत हैं।
- जहांगीरपुरी : बायोमास बर्निंग, डीएमआरसी निर्माण स्थल व प्लांट, भलस्वा सेनेटरी लैंडफिल, आईटीआई परिसर के सामने बस टर्मिनल के पास यातायात जाम की समस्या, निर्माण एवं विध्वंस रीसाइक्लिंग प्लांट प्रदूषण के स्रोत हैं।
- रोहिणी : वेंकटेश्वर अस्पताल का निर्माण स्थल, आईएंडएफसी भूमि पर कचरा डंपिंग, खुले में कचरा जलाना प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं।
- नरेला : डीटीसी बस डिपो में निर्माण कार्य, नरेला की खाली जगहों पर कचरे की डंपिंग, एनआईटी दिल्ली में निर्माण कार्य, जाम की समस्या, ट्रकों की समस्या, पॉकेट 9ए में डीडीए हाउसिंग प्रोजेक्ट में सड़क पर गड्ढे और सड़क की धूल आदि प्रदूषण के स्रोत हैं।
- ओखला : मां आनंदमयी मार्ग और ओखला एस्टेट मार्ग की क्षतिग्रस्त सड़क, ट्रैफिक जाम प्रदूषण के कारण हैं।
- पंजाबी बाग : मोती नगर फ्लाईओवर का निर्माण, जाम, रोड नंबर 41 पर गड्ढे, रोहतक रोड की सर्विस लेन पर सीएंडडी वेस्ट की अवैध डंपिंग आदि प्रदूषण के स्रोत हैं।
- आरके पुरम : जाम, सड़कों पर गड्ढे, एनबीसीसी की निर्माण साइट प्रमुख स्रोत हैं।
- विवेक विहार : योजना विहार की सोसाइटियों में निर्माण और विध्वंस गतिविधि, बी-ब्लॉक, झिलमिल में टूटी सड़कों के कारण सड़क पर धूल का उड़ना, जाम आदि प्रदूषण के स्रोत हैं।
- वजीरपुर : सीएक्यूएम स्टेशन के सामने टूटी सड़क, सड़क पर अतिक्रमण और कच्ची सड़क, जाम की समस्या, खुले में गार्बेज डम्पिंग वायु प्रदूषण का स्रोत हैं।
- बवाना : महर्षि वाल्मिकी अस्पताल के बाहर अवैध कूड़ा डंपिंग और अस्पताल के बाहर यातायात, पूठ खुर्द रोड पर सड़क की धूल, दिल्ली-औचंदी रोड के किनारे लोक निर्माण विभाग की सर्विस सड़कों पर सीएंडडी कचरे की अवैध डंपिंग, निर्माणाधीन यूईआर-दो और अपना घर आश्रम मोड़ तक के क्षेत्र में जाम प्रदूषण के स्रोत हैं।
जानलेवा प्रदूषण से लोग हो रहे बीमार : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने सर्दियों से पहले दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सत्ता संघर्ष के कारण जनता खतरनाक और जानलेवा प्रदूषण से प्रभावित हो रही है।
दिल्ली सरकार और एमसीडी की निष्क्रियता की वजह से 10 वर्षों से जल और वायु प्रदूषण के कारण दिल्लीवासी हृदय रोग, मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां, अस्थमा, फेफड़ों की समस्याएं, एलर्जी, खांसी-जुकाम और आंखों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं।
राजधानी में वाहनों के प्रदूषण व टूटी सड़कों से उड़ने वाली धूल की हिस्सेदारी 30-30 प्रतिशत है। इसके अलावा पराली जलाने, खुले में कचरा जलाने व औद्योगिक धुएं के कारण भी प्रदूषण बढ़ रहा है। केजरीवाल ने 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदूषण नियंत्रण के लिए ई-वाहनों की क्रांति लाने का वादा किया था और 25 प्रतिशत ई-वाहनों का लक्ष्य रखा था, लेकिन आज दिल्ली में केवल तीन लाख ई-वाहन हैं, जबकि कुल वाहनों की संख्या 1.50 करोड़ है।
इनमें से 59 लाख वाहन आयु पूरी कर चुके हैं और प्रतिदिन दूसरे राज्यों से एक लाख से अधिक वाहन दिल्ली में प्रवेश करते हैं, जिससे प्रदूषण और बढ़ जाता है। ई-वाहन प्रोत्साहन नीति की कमजोरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तीन लाख ई-वाहनों के लिए केवल 19,000 चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध हैं। दिवाली के बाद छठ पर लाखों श्रद्धालु यमुना में अर्घ्य देते हैं, लेकिन यमुना की जल गुणवत्ता इतनी खराब हो गई है कि सूचकांक 293 तक गिर चुका है। दिल्ली सरकार की नाकामी के कारण यमुना में सफेद झाग वाला जहरीला पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है।