नेपाल में राजशाही की बहाली के लिए उठी आवाज

नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पोखरा से काठमांडू पहुंचे। जैसे ही ज्ञानेंद्र पोखरा से सिमरिक हेलीकॉप्टर से त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरे, राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों लोगों ने उनके पक्ष में नारे लगाए।
भीड़ ने तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर लिखा था ‘हमें अपना राजा वापस चाहिए’, ‘गणतांत्रिक प्रणाली को समाप्त करो और राजशाही को पुन: स्थापित करो’, ‘राजा और देश हमारे प्राणों से भी अधिक प्रिय हैं।’
राजशाही बहाल करने की मांग
77 वर्षीय ज्ञानेंद्र देश के विभिन्न भागों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से काठमांडू लौटे हैं। हवाईअड्डे के बाहर सड़क के दोनों ओर ज्ञानेंद्र की तस्वीर और राष्ट्रीय ध्वज लिए मोटरसाइकिलों पर सवार सैकड़ों लोगों ने उनका स्वागत किया। पूर्व नरेश के समर्थक पिछले कुछ दिनों से काठमांडू और पोखरा सहित देश के विभिन्न भागों में रैलियां निकाल रहे हैं तथा 2008 में समाप्त की गई राजशाही को पुन: बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला, जो प्रथम निर्वाचित प्रधानमंत्री बीपी कोइराला की पोती भी हैं, ने इंटरनेट मीडिया पर नेपालियों से पूर्व नरेश के स्वागत के लिए काठमांडू हवाईअड्डे पर एकत्रित होने का अनुरोध किया
ओली ने दी चुनाव लड़ने की चुनौती
नेपाल में राजशाही बहाल करने की मांग के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र को मुख्यधारा की राजनीति में आने की चुनौती दी है। ओली ने रविवार को कहा, मैं उन्हें सुझाव देना चाहता हूं कि पूर्व राजा के रूप में उन्हें देश पर सभ्य तरीके से शासन करने, संविधान और कानूनों का पालन करने के उपाय सुझाने चाहिए थे।
ओली ने कहा कि इसके बजाय वह समर्थन किस लिए मांग रहे हैं? वह कह रहे हैं, मेरा साथ दो, मैं आऊंगा। वो कहां आने का इरादा रखते हैं? आएं और राजनीति में शामिल हों। हम आपका स्वागत करने के लिए तैयार हैं। अगर आप राजनीति में आना चाहते हैं, तो स्वागत है।
प्रधानमंत्री ने एक प्रांत की विधानसभा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, वह (पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र) कहते हैं कि मेरा साथ दो, मैं आऊंगा और देश को बचाऊंगा। देश को क्या हो गया है? इस तरह की गतिविधि से अस्थिरता का खतरा है।