पाकिस्तान के डिजिटलाइजेशन की खुली पोल,पाकिस्तान के पास अभी तक कोई भी गूगल आफिस नहीं

पाकिस्तान की इमरान सरकार ने हमेशा देश में डिजिटलाइजेशन (डिजिटलीकरण) को बढ़ावा देने की बात कही है लेकिन उसकी इस बात की पोल तब खुली जब गूगल का एक भी आफिस देश में न होने की बात सामने आई। हालांकि कोरोना के चलते पाकिस्तानियों की इंटरनेट खपत में वृद्धि हुई है जिसके साथ डिजिटल दिग्गजों के कार्यालयों जैसे कि गूगल के स्थानीयकरण की आवश्यकता बढ़ गई है, लेकिन फिर भी पाकिस्तान के पास अभी तक कोई भी गूगल आफिस नहीं है।

गूगल अभी नहीं खोलना चाहता आफिस
बता दें कि एक स्थानीय अखबार द न्यूज इंटरनेशनल ने गूगल के पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के क्षेत्रीय निदेशक फरहान एस कुरैशी से जब पाकिस्तान में कार्यालय से संबंधित भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा तो डिजिटलाइजेशन का सच सामने आ गया। कुरैशी ने कहा कि गूगल अभी कोई भी कार्यालय खोलना नहीं चाहता है और न ही आगे के लिए कोई योजना है, हालांकि उन्होंने कहा कि वह अवसरों की तलाश कर रहे हैं।
आतंक भी हो सकता है इसकी बड़ी वजह
पाकिस्तान में आतंक के खौफ से कौन परिचित नहीं है, यही वजह है कि कई बड़ी कंपनियां वहां कोई निवेश करने से डरती हैं। यह भी गूगल के आफिस न होने की एक वजह हो सकता है। बता दें कि गूगल पाक में आतंक के खिलाफ कार्रवाई भी करता रहा है, कुछ समय पहले ही उसने आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के एक एप को गूगल प्लेस्टोर से भी हटा दिया था। हालांकि जानकारों की मानें तो पाक में बड़ी कंपनियों के लिए निवेश का बेहतर माहौल अभी तक नहीं बना है इसी कारण कंपनियां वहां आने से डरती हैं।
इमरान कई बार कर चुके डिजिटलाइजेशन के बढ़ावे की बात
गौरतलब है कि पाक पीएम इमरान खान कई बार अपने देश में सरकार द्वारा डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने की बात कर चुके हैं। उन्होंने कई सरकारी कामों को आनलाइन करने की बात भी कहीं थी लेकिन फिलहाल कोइ भी बड़ा कदम सरकार ने नहीं उठाया है।