प्रेमिका की खातिर बच्ची का अपहरण, सूनी गोद भरनी थी…शोएब ने बताया ऐसा सच

आगरा से जिस चार साल की मासूम बच्ची का अपरहण हुआ, उसे पुलिस ने दिल्ली से मुक्त कराया। अपहरणकर्ता शोएब को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची के अपहरण करने के पीछे की उसने ऐसी वजह बताई, जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई।

आगरा की पुरानी मंडी (ताजगंज) से 4 साल की बच्ची को महाराष्ट्र के शोएब सुलेमान शेख ने अगवा किया था। उसने इंस्टाग्राम पर बनी दोस्त की हसरत पूरी करने के लिए ऐसा किया। उसने वारदात के लिए मोहब्बत की निशानी ताजमहल के आसपास का इलाका चुना था। पुलिस उसे दिल्ली से पकड़कर आगरा ले आई। यहां पूछताछ पूरी होने के बाद जेल भेज दिया गया। पुलिस उसकी दोस्त के किसी गिरोह से जुड़े होने के बिंदु पर भी छानबीन कर रही है।

ताजगंज क्षेत्र में रहने वाले रेस्तरां कर्मचारी की 4 साल की बेटी 15 अक्तूबर को अपने बाबा के साथ शाहजहां गार्डन में घूमने आई थी। अचानक बाहर निकल आने पर वह अगवा कर ली गई थी। पुलिस को सीसीटीवी कैमरों से सुराग मिला। डीसीपी सिटी सोनम कुमार के मुताबिक, शोएब से पूछताछ में पता चला कि वह सोशल मीडिया पर फाॅलोअर्स, लाइक्स, व्यूज बढ़ाने का काम करता है। डेढ़ साल पहले उसकी पहचान दिल्ली की अंजू से इंस्टाग्राम पर हुई थी। बाद में दोनों में दोस्ती हो गई।

वह उससे मिलने दिल्ली पहुंच गया। अंजू के पति की मृत्यु हो गई थी। उसे लग रहा था कि दोनों की शादी हो जाएगी। तब अंजू ने उसे बताया कि एक दंपती को बच्चा गोद लेना है। अगर वो उसके लिए एक बच्चे को इंतजाम कर दे तो डेढ़ से दो लाख रुपये मिल जाएंगे। वह तैयार हो गया। उसे पता था कि ताजमहल देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। वह इसी भीड़ के बीच से बच्चा चोरी कर लेगा। इसलिए बुधवार को आगरा आया था।

50 रुपये का टिकट लेकर देखा ताज

शोएब सुलेमान 50 रुपये का टिकट खरीदकर ताजमहल का दीदार किया। अंदर काम न बनने पर लौटते समय उसे बच्ची पुरानी मंडी पर अकेले दिख गई। वह उसे एक दुकान पर ले गया। उसे चिप्स और बिस्किट दिला दिए। इसके बाद एक ऑटो में बैठ गया। वह रोए न इसके लिए मोबाइल पर वीडियो चलाकर पकड़ा दिया था। इसके बाद कैंट स्टेशन पर पहुंच गया।

प्लेटफॉर्म टिकट लेकर की यात्रा

कैंट स्टेशन पर शोएब ने ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म टिकट खरीदा। वह सीसीटीवी कैमरे में आ गया। कैंट स्टेशन पर पहुंचने पर एक टीसी से बात की। इसके बाद झांसी की ट्रेन में बैठ गया। उसे पता चल गया था कि सीसीटीवी कैमरे में आ गया है। इस कारण धाैलपुर पर उतर गया। दोबारा वापस दिल्ली की तरफ जाने के लिए ट्रेन में बैठा। शाम को 6 बजे दिल्ली पहुंचा। सुभाष पैलेस, पूर्वी दिल्ली में अंजू के घर गया। मगर उसके कमरे पर ताला लगा था। मोबाइल पर भी अंजू से संपर्क नहीं हुआ। इस पर उसने अंजू के मकान मालिक से बात की। उससे कहा कि वह भाई की बेटी को लाया है। अंजू के आने तक अपने पास रख ले। वह खुद एक धर्मस्थल में सो जाएगा। मगर बच्ची के पैरों में महावर लगा देखकर परिवार को शक हो गया। उन्होंने दूसरे दिन पुलिस को सूचना दे दी।

ऑनलाइन भुगतान से सुराग

ताजगंज पुलिस ने बताया कि ऑनलाइन पेमेंट की वजह से दिल्ली सर्वर से आरोपी का मोबाइल नंबर पता कर लिया। उसकी सर्विलांस से लोकेशन पहले झांसी की तरफ जाने की आई। बाद में दिल्ली की आ रही थी। इसकी मदद से पुलिस उस तक पहुंच गई। वह धर्मस्थल में सोता मिल गया।पुलिस ने उसके मोबाइल की मदद से उस दंपती के बारे में भी पता कर लिया, जिसको बच्ची दी जानी थी। उनको भी आगरा लाया गया। पूछताछ की गई। कपड़ा व्यापारी की शादी को 6 साल हो गए थे। मगर कोई संतान नहीं थी। इस पर उन्होंने अंजू से बच्चा गोद दिलवाने के लिए बात की थी। इसके बदले में डेढ़ लाख तक देने की बात तय हुई थी। अब पुलिस अंजू की तलाश में लगी है। यह पता किया जा रहा है कि वह किसी गिरोह से तो नहीं जुड़ी है। कहीं कोई बड़ा रैकेट तो काम नहीं कर रहा है।

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