‘विकास योजनाओं में देरी स्वीकार्य नहीं…’, सीएम ने लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ की संवाद बैठक

सीएम योगी ने लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद बैठक की। इस दौरान 42 विधायकों एवं पांच विधान परिषद सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों की नव प्रस्तावित परियोजनाओं और जन अपेक्षाओं से अवगत कराया। सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों के सुझावों को गंभीरता से लिया जाए।
राजधानी लखनऊ में बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद बैठक की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का अनुभव एवं स्थानीय मुद्दों की समझ शासन को योजनाओं के निर्धारण और प्रभावी क्रियान्वयन में नई दृष्टि प्रदान करती है। यह संवाद व्यवस्था शासन और समाज के बीच विश्वास की कड़ी है।
राज्य सरकार जनहित से जुड़े प्रत्येक विषय पर संवेदनशील है। हर जनप्रतिनिधि जनता की आकांक्षाओं का संवाहक होता है। विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की अनावश्यक देरी स्वीकार्य नहीं होगी। प्रत्येक कार्य की गुणवत्तापूर्ण एवं निष्पक्ष मॉनिटरिंग शासन की प्राथमिकता है। बैठक में लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के 42 विधायकों एवं पांच विधान परिषद सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों की नव प्रस्तावित परियोजनाओं और जन अपेक्षाओं से अवगत कराया।
जनप्रतिनिधियों के सुझावों को गंभीरता से लिया जाए
सीएम ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि लखनऊ मंडल के प्राप्त 3397 विकास प्रस्तावों, जिनकी लागत 42891 करोड़ रुपये है, उनमें जनप्रतिनिधियों के सुझावों को गंभीरता से लिया जाए। प्रत्येक जिले की अपनी एक अलग पहचान है, जिसके मुताबिक विकास योजनाएं बनाएं।
उन्होंने कहा कि लखनऊ नव्य आधुनिकता का केंद्र है। अवध की सांस्कृतिक राजधानी, कला, साहित्य तथा संस्कार की जीवंत मिसाल भी है। हरदोई में सत्य और तप की परंपरा गहराई तक रची-बसी है। रायबरेली साहित्य, स्वतंत्रता संग्राम और लोककला की दृष्टि से भी समृद्ध है। उन्नाव चंद्रशेखर आजाद और स्वतंत्रता संग्राम के अन्य नायकों की कर्म भूमि रहा है, जिसकी विकास योजनाओं को स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक चेतना के साथ जोड़ना चाहिए। नैमिषारण्य को केंद्र मानकर सीतापुर की धार्मिक और आध्यात्मिक गरिमा अद्वितीय है।
वरीयता पर करें कार्यवाही
योगी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि जनप्रतिनिधियों के सड़क, दीर्घ सेतु, लघु सेतु, आरओबी/आरयूबी, धर्मार्थ सड़कें, फ्लाईओवर निर्माण से संबंधित प्रस्तावों पर वरीयता के आधार पर कार्यवाही करें। जिला मुख्यालय को चार लेन एवं ब्लॉक मुख्यालय को दो लेन से जोड़ने, चीनी मिल की सड़कें, सिंगल कनेक्टिविटी बाली सड़कों का निर्माण और ब्लैक स्पॉट सुधार के कार्य को पूर्ण कराएं।
जनप्रतिनिधियों एवं शहीदों के गांवों की सड़कों का निर्माण प्राथमिकता पर कराएं। पर्यटन विभाग को निर्देश दिया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल का चयन कर सुविधाएं विकसित करने की कार्ययोजना बनाएं। नगर विकास विभाग को कहा कि परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व संबंधित जनप्रतिनिधि से मार्गदर्शन एवं सहमति प्राप्त करें। योजनाओं का भूमिपूजन एवं शिलान्यास 15 सितंबर के बाद जनप्रतिनिधियों से कराएं।
लखनऊ की सात विस क्षेत्रों की 543 परियोजनाओं को मंजूरी
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में सिर्फ लखनऊ के सात विधानसभा क्षेत्रों की 19383 करोड़ की लागत के कुल 543 विकास कार्यों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें सरोजनी नगर विस क्षेत्र की 11793 करोड़ की लागत की 101 परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा लखनऊ पूर्व विस क्षेत्र की 12 (3863 करोड़), बख्शी का तालाब क्षेत्र की 98 (1452 करोड़), मलिहाबाद क्षेत्र की 168 (849 करोड़), लखनऊ उत्तर क्षेत्र की 19 (711 करोड़), मोहनलालगंज क्षेत्र की 141 (670 करोड़) और कैंट क्षेत्र की 3 (45 करोड़) परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।