सीट शेयरिंग का फॉर्मूला है दिल्ली ही नहीं हरियाणा में भी होगा AAP-कांग्रेस गठबंधन
लोकसभा चुनाव-2019 को लेकर सरगर्मी चरम पर है, देशभर में चुनाव प्रचार तेज हो गया है। इस बीच दिल्ली में लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के मद्देनजर दिल्ली की सातों सीटों पर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) के बीच सहमति बनती दिख रही है।
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सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में AAP से गठबंधन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Delhi Pradesh Congress Committee) अध्यक्ष शीला दीक्षित और दिल्ली प्रभारी पीसी चाको की अहम बैठक अपने आवास पर बुलाई थी।
सूत्रों की मानें तो बैठक में AAP और कांग्रेस में दिल्ली के साथ हरियाणा में भी गठबंधन का फॉर्मूला तैयार हो गया है और दोनों दलों के बीच गठबंधन तय है। इस फॉर्मूले के तहत दिल्ली में कांग्रेस तीन सीटों पर तो AAP चार सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। वहीं, इसकी एवज में हरियाणा में कांग्रेस अपनी ओर से एक सीट लड़ने के लिेए आम आदमी पार्टी को देगी।
कहा जा रहा है कि गठबंधन के स्वरूप पर शनिवार तक बात बन सकती है। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि राहुल गांधी ने अब किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए बेताब दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस की लेटलतीफी से पूरी पार्टी को दिल्ली में नुकसान होने का अंदेशा है।
गौरतलब है कि दिल्ली और हरियाणा में 12 मई को मतदान होना है, ऐसे में दोनों ही राज्यों में AAP और कांग्रेस में गठबंधन हो तो राजनीति नजरिये से भी कोई ताज्जुब की बात नहीं होगी।
वहीं, समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, राहुल गांधी के साथ बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शामिल हुए थे और कुछ देर पहले ही बैठक स्थल यानी राहुल गांधी के आवास से बाहर निकले हैं।
क्या राहुल गांधी मना पाएंगे शीला दीक्षित को?
यहां पर बता देें कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन के मसले पर शुरू से ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको में मतभेद दिखा है। शीला ने बयान भी दिया था कि गठबंधन पर न रास्ते खुले हैं और न ही बंद हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन की बात कौन कर रहा है, मुझे नहीं मालूम? लेकिन हम अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं, यह हम बार-बार कह रहे हैं।
दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने कहा था कि गठबंधन पर रास्ते भी खुले हुए हैं और बातचीत भी चल रही है। दोनों ही नेताओं ने यह बयान दो दिन पहले राजीव भवन में प्रदेश स्तर पर कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में दिया था।
शाली दीक्षित ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अधिनियम के मुताबिक दिल्ली में मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल दोनों की व्यवस्था कायम की गई है। उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्य की मांग हमने भी की थी। तब केंद्र में कांग्रेस सरकार ही थी। तब हमें समझाया गया था कि दिल्ली देश की राजधानी है। इसके चलते संविधान को बदलना पड़ेगा। मुझे नहीं पता, केजरीवाल को यह पता है कि नहीं।
यहां पर बता दें कि सूत्रों के हवाले से पिछले कई दिनों से खबर आ रही है कि गठबंधन के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी अपने मेनिफेस्टो में संशोधन करके दिल्ली को 6 महीने में पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा करेगी। इस दौरान जब तक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा तब तक दिल्ली के अंदर उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार का नॉमिनी होगा।
मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने दिल्ली में गठबंधन के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) को आख़िरी फ़ॉर्मूला दिया है। नए फ़ॉर्मूले के मुताबिक़ कांग्रेस (Congress) ने दिल्ली में 3 सीटें मांगी हैं और इसकी एवज में हरियाणा में आम आदमी पार्टी को 1 सीट और पंजाब में कोई सीट नहीं देने का ऑफ़र रखा है। बताया जा रहा है कि इस फॉर्मूले पर AAP-कांग्रेस में सहमति बन सकती है।