इस चमत्कारी माता के मंदिर में तेल नहीं बल्कि पानी से जलता है दीपक
हमारे देश में धर्म और आस्था के प्रति लोगों की काफी रूचि हैं. यहाँ पर कई ऐसे मंदिर है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है. हम आपको आज एक ऐसे ही देवी के मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां पर दीपक तेल से नहीं बल्कि पानी से जलता है. जी हाँ… भले ही आप इस पर विशवास ना कर पाए लेकिन ये किसी चमत्कार से कम नहीं है. ये चमत्कार आज से नहीं बल्कि कई सालों से होता आ रहा है.
ये मंदिर मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में गड़ियाघाट वाली माताजी के नाम से मशहूर है. ये चमत्कारी मंदिर कालीसिंध नदी के किनारे आगर-मालवा के नलखेड़ा गांव में स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में पिछले करीब पांच साल से एक महाजोत लगातार जलती आ रही है जो कि पानी से जल रही है. मंदिर के पंडितों ने ये दावा किया है कि, ‘इस मंदिर में जो महाजोत जल रही है, उसे जलाने के लिए किसी घी, तेल, मोम या किसी अन्य ईंधन की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि यह आग के दुश्मन पानी से जलती है.’ इस चमत्कार के बारे में मंदिर के पुजारी सिद्धूसिंह बताते हैं कि, ‘पहले यहां हमेशा तेल का दीपक जला करता था, लेकिन करीब पांच साल पहले उन्हें माता ने सपने में दर्शन देकर पानी से दीपक जलाने के लिए कहा. मां के आदेश के अनुसार पुजारी ने वैसा ही कार्य किया.’
रोज सुबह उठकर पुजारी मंदिर के पास से ही बह रही कालीसिंध नदी से दीपक में पानी भर देते हैं. सबसे पहले जब उन्होंने ऐसा किया था तो वो खुद हैरान हो गए थे और फिर करीब दो महीने तक उन्होंने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया. जब बाद में कुछ ग्रामीणों को इस बारे में पता चला तो हर कोई हैरान हो गया. अब इस चमत्कार को देखने के लिए कई सारे लोग आते हैं. हालांकि ये दीया बरसात के मौसम में नहीं जलता है. ऐसा इसलिए क्योकि बरसात के मौसम में कालीसिंध नदी का जल स्तर बढ़ जाता है और इससे ये मंदिर पानी में डूब जाता है. ऐसे में पूजा कर पाना संभव नहीं हो पाता है. फिर शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन यानी पड़वा से दोबारा ज्योत जला दी जाती है और फिर ये निरंतर जलती रहती हैं.