अब एसओएल बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तर्ज पर शुरू करेगा कॉल सेंटर

एसओएल बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तर्ज पर एक कॉल सेंटर शुरू करने की तैयारी कर रहा है। अब छात्रों को कैंपस आए बिना हर समस्या का समाधान मिलेगा और साथ ही उन्हें कैंपस के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

हैलो, मैं एसओएल का छात्र हूं। मुझे अपनी पीसीपी (पर्सनल कॉन्टेक्ट प्रोग्राम) परीक्षाओं की जानकारी लेनी है। क्या मुझे दाखिले के संबंध में जानकारी मिल जाएगी। यह सब संभव हो सकेगा दिल्ली विश्वविद्यालय का स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के कॉल सेंटर के माध्यम से। दरअसल, एसओएल बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तर्ज पर एक कॉल सेंटर शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस सेंटर पर छात्रों को अपनी हर समस्या का समाधान मिलेगा और उन्हें कैंपस के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जुलाई-अगस्त से बीस लाइनों के साथ इसकी शुरुआत की जाएगी और छह माह इसकी 30 लाइनें हो जाएंगी।

खास बात यह है कि इस सेंटर की कमान एसओएल के छात्रों के पास ही होगी। जिन्हें इस सेंटर को संचालित करने के लिए विशेष प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी। एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो ने बताया कि हमारे पास चार लाख के करीब छात्र हैं, उनकी कोई ना कोई समस्या होती है। इसके लिए उन्हें एसओएल परिसर आना पड़ता है। कई समस्याओं का समाधान वेबसाइट पर भी होता है लेकिन वह उसे देखते नहीं। ऐसे में हम जुलाई-अगस्त से कॉल सेंटर शुरू करने जा रहे हैं। इसके लिए हमने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह नौ से पांच प्रतिदिन चलेगा।

शुरूआत में इसे बीस लाइन से शुरू कर रहे हैं। छह महीने बाद लाइनों की संख्या 30 कर दी जाएगी। इस सेंटर पर छात्रों को हर प्रकार की समस्या का समाधान मिलेगा। यदि कोई परीक्षा संबंधी समस्या होगी और उसका समाधान फोन से नहीं होगा तो उस कॉल को परीक्षा शाखा में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। यदि किसी को विदेश जाने के लिए जरूरी दस्तावेज लैटर ऑफ रिकमंडेशन चाहिए होगा तो इसकी जानकारी भी उन्हें कॉल से ही मिल जाएगी।

12 हजार से 15 हजार इंटर्नशिप मिलेगी छात्रों को
इस सेंटर की कमान यूजी के अंतिम वर्ष व पीजी के छात्रों को दी जाएगी। प्रो पायल ने बताया कि इसके लिए इन छात्रों को एक विशेष प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी। इन छात्रों को यह कमान इसलिए दी जाएगी क्योंकि यह एसओएल के सिस्टम से ही हैं और उन्हें समस्याओं और उनके हल की जानकारी है। यह एक तरह के इंटर्न के रूप में काम करेंगे इसके लिए उन्हें 12 हजार से 15 हजार रुपये तक का भुगतान भी किया जाएगा। यह ट्रेनिंग इस प्रकार की होगी कि जो वह बाद में भी किसी कॉल सेंटर में काम कर सके।

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