इंटरनेशनल अफेयर्स यूथ समिट: हाजी सलमान चिश्ती ने युवाओं को किया प्रेरित

हाजी सलमान चिश्ती ने इंटरनेशनल अफेयर्स यूथ समिट में युवाओं को प्रेरित किया। इसमें 30 से अधिक देशों के युवाओं ने भाग लिया।

हरियाणा में सोनीपत की ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स द्वारा आयोजित इंटरनेशनल अफेयर्स यूथ समिट 2025 का समापन एक प्रेरणादायक और आध्यात्मिक सत्र के साथ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हाजी सैयद सलमान चिश्ती, जो अजमेर शरीफ़ दरगाह के 26वीं पीढ़ी के गद्दीनशीन हैं और चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हैं, ने युवाओं को प्रेम, सेवा और एकता के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।

इस वर्ष का विषय “नफरत पर विजय और दोस्ती के पुल बनाना” रहा, जिसमें 30 से अधिक देशों से आए युवा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अपने भाषण में हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा, “नफरत का जवाब नफरत से नहीं, बल्कि प्रेम और करुणा से दिया जाना चाहिए। हमें एक-दूसरे में ईश्वर का अक्स देखना चाहिए और विभाजन की दीवारों को तोड़कर एकता की पुल बनानी चाहिए।”

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. मरियान अर्दो, निदेशक, लिस्ट इंस्टीट्यूट हंगेरियन कल्चरल सेंटर, नई दिल्ली ने विश्वविद्यालय द्वारा अंतर संस्कृतिक संवाद और वैश्विक युवा सहभागिता को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने युवाओं से शांति के दूत बनने का आह्वान किया। जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के डीन प्रो. श्रीराम चौलिया ने कहा, “यह समिट इस बात को दर्शाती है कि विश्वविद्यालय केवल शैक्षणिक विकास का ही नहीं, बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक नेतृत्व का भी मंच होना चाहिए। हाजी सैयद सलमान चिश्ती और अन्य वैश्विक वक्ताओं की उपस्थिति ने हमारे छात्रों की सोच को व्यापक और समावेशी बनाया है।”

समापन समारोह में विनय वर्मा कलेक्टिव्स द्वारा एक मनमोहक सूफी कव्वाली प्रस्तुति दी गई। ये युवा कलाकार प्रसिद्ध संगीतकार एआर रहमान के केएम म्यूज़िक कंसर्वेटरी से प्रेरित हैं। उनकी प्रस्तुतियां “ख्वाजा मेरे ख्वाजा,” “कुन फया कुन,” और “जिक्रअल्लाह” ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया और समिट के संदेश को संगीत के माध्यम से जीवंत किया। प्रेम, एकता और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर इस समिट ने वैश्विक मित्रता, युवाओं के सशक्तिकरण और आध्यात्मिक चेतना का एक सुंदर संगम प्रस्तुत किया।

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