इस जगह को धीरे-धीरे निगल रही है धरती…

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है, कि इंसानों ने अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का बुरी तरह दोहन किया है। हालांकि इस नुकसान का खामियाजा भी इंसानों को भी भुगतना पड़ रहा है। धरती खुद ही इसका बदला हम लोगों से ले रही है, लेकिन फिर भी इंसान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में आज हम आपको दुनिया की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इंसानों के स्वार्थ की वजह से दिन ब दिन नष्ट होती जा रही है। इस शहर के बारे में जानकर हर कोई हैरान है।

हम बात कर रहे हैं रशिया में स्थित बेरेज्निकी की, जिसे धरती धीरे-धीरे निगलती जा रही है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। तो आइए हम आपको इस सवाल का जवाब देते हैं, जिसके बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी।

दरअसल बेरेज्निकी शहर पोटाश खदान के ऊपर बना हुआ था, जो सोवियत काल के समय बिल्कुल सामान्य था। लेकिन जब लोगों ने जरूरत से ज्यादा पोटाश निकालना शुरू कर दिया तो जमीन खोखली होती चली गई। इस जगह पर लगातार खुदाई होती रही, जिसका नतीजा ये सामने आया कि आज ये जगह sinking zone (धंसने वाले क्षेत्र) में आ चुकी है। इतना ही नहीं यहां रहने वाले लोग भी शहर छोड़कर पर मजबूर हो गए हैं।

एक रिपोर्ट की मानें तो लगातार हो रही खुदाई की वजह से जमीन के नीचे गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिन्होंने किसी गुफा जैसा रूप ले लिया है। इन गुफाओं की छतें नमक के खंभों पर टिकी हुई हैं। साल 2006 में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 720 से 1,500 फीट नीचे खदान में मीठे पानी का झरना बहना शुरू हो गया था, जिसने नमक की दीवारों और खंभों को भी खत्म कर दिया। यही वजह है कि यह शहर अपने आप ही घंसने लगा।

आपके जानकर हैरानी होगी कि यह शहर दुनिया की 10% पोटाश की जरूरत को पूरा करता है। यहां की खदान से ही यहां रहने वाले कई लोगों को रोजी रोटी मिलती है। ऐसे में लोगों के सामने ये समस्या आ रही है कि अगर इन खदानों को बंद कर दिया गया, तो लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इसलिए साल 2019 में 12,000 लोगों ने बेरेज्निकी छोड़ दिया।

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