कुरुक्षेत्र में अभय चौटाला के साथ आया चढ़ूनी गुट

भाकियू (चढूनी गुट) ने कुरुक्षेत्र से इनेलो प्रत्याशी अभय चौटाला को किसान हितैषी करार देते हुए खुलकर उनका समर्थन किया है। वहीं, टिकैत गुट केवल भाजपा-जजपा के विरोध का फैसला ले चुका है।

हरियाणा में गुटों में बंटी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) लोकसभा चुनावों में राजनीतिक दलों के समर्थन को लेकर भी अलग-थलग हैं। भाकियू (चढूनी गुट) ने कुरुक्षेत्र से इनेलो प्रत्याशी अभय चौटाला को किसान हितैषी करार देते हुए खुलकर उनका समर्थन किया है। वहीं, टिकैत गुट केवल भाजपा-जजपा के विरोध का फैसला ले चुका है और उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के विवेक पर यह फैसला छोड़ दिया है।

बता दें कि इससे पहले भी गुरनाम सिंह चढूनी खुलकर राजनीतिक हिस्सेदारी का समर्थन करते रहे हैं और पिछली बार विधानसभा चुनावों में उन्होंने संयुक्त संघर्ष पार्टी के बैनर तले अपने प्रत्याशी भी उतारे थे। इससे पहले, चढूनी करनाल में बसपा के प्रत्याशी इंद्रजीत सिंह का भी समर्थन कर चुके हैं और खुद उनका नामांकन दाखिल कराने के लिए पहुंचे थे।

उधर, चढूनी के इस फैसले के खिलाफ टिकैत गुट के भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने चढ़ूनी पर हमला बोला है। मान ने कहा कि किसानों के कंधों पर सियासत नहीं करनी चाहिए। जवाब में चढूनी ने कहा कि हम किसान हितैषी नेताओं के साथ हैं और एसकेएम को भी खुलकर ऐसा करना चाहिए, जब तक किसानों की राजनीतिक में हिस्सेदारी नहीं होगी, तब तक किसान की दशा नहीं बदल सकती।

किसानों के साथ सियासत ठीक नहीं
किसानों के नाम पर सियासत करना बहुत बुरी बात है। कुछ लोग किसानों को सत्ता की सीढ़ी तक पहुंचने का जरिया समझ रहे हैं। कुरुक्षेत्र में एक भाकियू गुट द्वारा इनेलो को समर्थन करना भी उसी सियासत का हिस्सा है। हमें दुख होता है जब किसानों के साथ धोखा किया जाता है। संयुक्त किसान मोर्चा पहले ही फैसला ले चुका है कि हरियाणा में भाजपा और जजपा के विरोध में मतदान करना है, लेकिन किस दल को समर्थन करना है यह खुद समर्थक तय करेंगे। -रतन मान, प्रदेशाध्यक्ष, भाकियू (टिकैत गुट)

एसकेएम को भी अभय का समर्थन करना चाहिए : चढ़ूनी
किसान आंदोलन में अकेले अभय सिंह चौटाला ही एक नेता थे, जिन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद ही यह फैसला लिया गया है। हमें गर्व है कि हम किसान हितैषी नेता का समर्थन कर रहे हैं। मैं तो कहता हूं कि संयुक्त किसान मोर्चा को भी यहां आकर अभय के समर्थन का ऐलान करना चाहिए। जहां तक करनाल में बसपा प्रत्याशी इंद्रजीत सिंह नवजोत के समर्थन की बात है तो उन्होंने भी किसान आंदोलन के दौरान जिला परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दिया था।-गुरनाम सिंह चढूनी, प्रदेशाध्यक्ष, भाकियू।

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