कुरुक्षेत्र: श्री अकाल तख्त तक पहुंचा श्री गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश अस्थान की जांच का मामला!

शिरोमणी पंथक अकाली दल के अध्यक्ष जगदीश झींडा ने पत्र लिखा है। दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री नायब सैनी के आगमन से पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश अस्थान की जांच किए जाने को लेकर सिखों में रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है वहीं सिख संगत भी कार्रवाई को लेकर अपना रोष जाहिर कर चुकी है। अब यह मामला श्री अकाल तख्त तक भी पहुंच गया है। श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को शिरोमणी पंथक अकाली दल ने पत्र लिखा है, जिसमें दोषियों पर जल्द व सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

शिरोमणी पंथक अकाली दल के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ सिख नेता जगदीश सिंह झींडा ने बुधवार को डेरा कारसेवा में पत्रकारवार्ता की, जिसमें कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज का सत्कार एवं मर्यादा सिख कौम के लिए काफी महत्व रखती है, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह के आगमन से पहले हरियाणा पुलिस के जवानों ने सभी मर्यादाओं का उल्लंघन करते हुए सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी वीआईपी या वीवीआईपी के आगमन पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश अस्थान या फिर दरबार साहिब की सुरक्षाकर्मियों द्वारा जांच की गई हो। परंतु मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आगमन से पहले गुरुद्वारा श्री रातगढ़ साहिब नारायणगढ़ में सुरक्षाकर्मियों ने सारी मर्यादाओं का उल्लंघन करते हुए सिखों की धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात किया।

उन्होंने कहा कि यह बर्दाश्त के लायक नहीं है। ऐसे में श्री अकाल तख्त को इस मामले की गहनता से जांच करवाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इस दौरान अपार सिंह, करनैल सिंह, नरेंद्र गुरायां व हरभजन सहित कई सिख नेता मौजूद थे।

हरियाणा कमेटी व्यवस्था संभालने में पूरी तरह से फेल साबित
झींडा ने कहा कि जिस गुरुघर में यह घटना हुई है, वह हरियाणा कमेटी के अधीन है। ऐसे में स्पष्ट है कि कमेटी गुरुघरों की व्यवस्था संभालने में पूरी तरह से फेल है। यह सरकारी कमेटी पहले भी अपनी असफलता के सुबूत दे चुकी है। इस कमेटी को हटा देना चाहिए। वहीं इस घटनाक्रम में भले ही मुख्यमंत्री व कमेटी के पदाधिकारी दोषी हो, जांच उपरांत कड़ी कार्रवाई की जानी जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को भी श्री अकाल तख्त पर जाकर माफी मांगनी चाहिए, यह अधिकार श्री अकाल तख्त का है कि माफी दें या फिर सजा।

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