कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने ‘एक देश-एक चुनाव’ के गिनाए फायदे…
देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने को लेकर बहस छिड़ी है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की वकालत की है। उन्होंने कहा कि एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव होते हैं तो बार-बार आचार संहिता नहीं लगेगी और विकास कार्य निरंतर चलते रहेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री जी की ऊर्जा और समय की बचत होगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी बात रखते हुए कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन, आज देश की आवश्यकता है। बार-बार होने वाले चुनावों से देश की प्रगति और विकास कार्य प्रभावित होते हैं। आजादी के बाद कई वर्षों तक एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव होते रहे, लेकिन कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए विधानसभाओं को भंग करना शुरू कर दिया और देश को बार-बार चुनाव कराने की प्रक्रियाओं में उलझा दिया। कांग्रेस तो संवैधानिक नियमों और प्रक्रियाओं का निरंतर उल्लंघन करती रही है।
एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव होते हैं तो बार-बार आचार संहिता नहीं लगेगी और विकास कार्य निरंतर चलते रहेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री जी की ऊर्जा और समय की बचत होगी। राजनैतिक दल हमेशा चुनावी मोड में रहते हैं, इसमें कमी आएगी। मंत्री, मुख्यमंत्री एवं राजनेताओं का समय भी चुनाव की जगह विकास कार्यों में लग सकेगा। एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होने से नए लोगों को अवसर मिल सकेगा। बार-बार चुनाव के कारण लोक लुभावने वादों की प्रतिस्पर्धा भी समाप्त होगी। देश का और पार्टियों का चुनाव खर्च भी कम होगा |
उन्होंने आगे कहा कि प्रशासनिक अधिकारी, सुरक्षा बल, डॉक्टर्स, शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों को बार-बार चुनाव में लगने वाली ड्यूटी से मुक्ति मिलेगी और वे अपने कार्य में निरंतरता रख पाएंगे। सुदूरवर्ती क्षेत्र, नक्सल क्षेत्रों में एक साथ चुनाव होने के कारण हमारे सुरक्षाबल बार बार होने वाली चुनावी प्रकियाओं से मुक्त होगें एवं सुरक्षााबलों की हानि भी कम हो सकेगी।
बार-बार चुनाव होने से मतदाताओं में भी उदासीनता देखने को मिलती रही है, हम इस समस्या से भी निजात पा सकेंगे। एक साथ चुनाव होने से इलेक्शन कमीशन और नवाचार कर पाएगा। कोड ऑफ़ कंडक्ट का सही से पालन होने के साथ-साथ चुनावी वैमनस्यता से मुक्ति मिलना, असामाजिक तत्वों पर रोक लगना, चुनावी तनाव कम होने जैसे कारक भी संभव हो सकेंगे।