जानिए नींद की गोलियां से होने वाले नुकसान के बारे में..

 क्या आप नींद पूरी न होने या फिर नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं? कई लोग तनाव, थकावट, जेट लैग या फिर छोटी-मोटी वजहों से नींद पूरी न होने पर नींद की गोली का सहारा लेते हैं। कुछ गोलियां आपको सोने में मदद करती हैं, तो कुछ आपकी नींद पूरी करती हैं। लेकिन नींद की गोली खाना कितना सुरक्षित है? लोगों को नींद की गोली खाने की आदत लग जाती है, और फिर वे इसके साइड-इफेक्ट्स से जूझते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि आप इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी जानें।

नींद की गोली खाने के क्या नुकसान होते हैं?

ज़्यादातर दवाइयों की तरह नींद की गोलियों के भी नुकसान होते हैं। आपको नींद की गोली सूट करेगी या नहीं, यह आप इसे खाकर ही जान पाएंगे। इसे लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह करें, ताकि वे आपको इससे जुड़े नुकसान के बारे में बता सकें। खासतौर पर अगर आप अस्थमा या दूसरी बीमारियों से जूझ रहे हैं। नींद की गोलियां सामान्य सांस लेने की प्रक्रिया में बाधा डाल सकती हैं। साथ ही उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकती हैं, जिन्हें अस्थमा, एम्फसीमा, या COPD जैसी फेफड़ों की समस्याएं हैं।

नींद की गोली से जुड़े आम साइड-इफेक्ट्स

– हाथों और पैरों में झुनझुनाहट

– भूख में बदलाव होना

– कब्ज़

– दस्त

– संतुलन बनाने में दिक्कत

– चक्कर आना

– दिन में बेहोशी महसूस होना

– मुंह और गले में ड्राइनेस

– गैस

– सिर दर्द

– सीने में जलन

– याददाश्त कमज़ोर होना या दिमाग का धीमा काम करना

– पेट में दर्द

– शरीर के किसी अंग का अनियंत्रित रूप से हिलना

– अजीब से सपने आना

– कमज़ोरी

उम्रदराज़ लोगों को लेनी चाहिए नींद की गोलियां?

अगर आपकी उम्र 65 या उससे ज़्यादा है, तो हेल्थ एक्सपर्ट्स आपको नींद की गोलियां न लेने की सलाह देंगे। इसमें वह गोलियां भी शामिल हैं, जो आपको बिना प्रिस्क्रिबशन के दवाई की दुकान पर मिल जाती हैं। युवा लोगों की तुलना में उम्रदराज़ लोगों में नींद की गोलियों से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम ज़्यादा होता है। उम्र ज़्यादा होने के बावजूद जो लोग नींद की गालियां खाते हैं, तो उनके सिस्टम में ये लंबे समय तक रहती हैं। इसलिए रात की नींद पूरी होने के बावजूद बेहोशी अगले पूरे दिन भी रह सकती है। कंफ्यूज़न और याददाश्त का कमज़ोर होना भी इसके साइज-इफेक्ट हैं। उम्रदराज़ लोग इसके सेवन से गिर सकते हैं, उनके कुल्हे में फ्रेक्चर हो सकता है या गाड़ी चलाते वक्त एक्सीडेंट हो सकता है।

इसके अलावा मुंह ड्राई हो सकता है। आप कब्ज़ महसूस कर सकते हैं या पेशाब करने में दिक्कत आ सकती है।

नींद की गोलियां खाने से पहले हमेशा डॉक्टर से बात करें। वे गोलियां देने से पहले नींद न आने की वजह जानने के लिए टेस्ट करवा सकते हैं। जिससे अवसाद, बेचैनी या फिर नींद से जुड़े विकारों का पता च सकता है। आपके डॉक्टर बिना दवा के नींद न आने की दिक्कत को सुलझा भी सकते हैं।

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