दिल्ली: अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी हवाला के जरिए रकम भेजते हैं स्वदेश

दक्षिण जिला पुलिस ने अब अप्रवासी बांग्लादेशियों के मनी लॉन्ड्रिग (मनी ट्रेल) का पर्दाफाश किया है। जांच में पता चला है कि ये लोग हवाला के जरिए भारत से बांग्लादेश पैसे भेजते थे।
दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के गिरोह का पर्दाफाश कर सैकड़ों लोगों को उनके देश डिपोर्ट भी किया है। मगर दक्षिण जिला पुलिस ने अब अप्रवासी बांग्लादेशियों के मनी लॉन्ड्रिग (मनी ट्रेल) का पर्दाफाश किया है। जांच में पता चला है कि ये लोग हवाला के जरिए भारत से बांग्लादेश पैसे भेजते थे। दक्षिण जिला पुलिस ने बांग्लादेशियों की सहायता करने वाले आठ भारतीय समेत 26 बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
दक्षिण पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि कुल 18 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है। इनमें से 8 को गिरफ्तार किया गया है। 6 को बांग्लादेश निर्वासित किया गया। 4 संदिग्ध बांग्लादेशी दिल्ली पुलिस स्कैनर के तहत हैं। 8 भारतीय सहयोगियों पर फर्जी आईडी के साथ अप्रवासियों को शरण देने, उन्हें काम पर रखने और हथियार देने का आरोप है। इन लोगों से 23 वोटर कार्ड, 19 पैन कार्ड, 17 आधार कार्ड, 1 सीपीयू, 11 जन्म प्रमाण पत्र और 6 खाली वोटर आईडी कार्ड बरामद हुए हैं।
इन बातों का हुआ खुलासा
फर्जी आईडी सिंडिकेट का भंडाफोड़- जाली आधार, पैन, वोटर आईडी और भारतीय पासपोर्ट जब्त किए गए हैं
मनी लॉन्ड्रिंग का पर्दाफाश-हवाला-स्टाइल रैकेट
बांग्लादेशी बैंक खातों में पैसे जमा करते थे। यूपीआई के जरिए बॉर्डर पर बैठे एजेंटों को भेज दिए जाते थे। बॉर्डर पर रुपये को टका में बदलने के बाद कैश में बांग्लादेश में भेज दिया जाता था
अवैध नौकरियों का पर्दाफाश
फर्जी क्रेडेंशियल का इस्तेमाल कर कचरा प्रबंधन और डिलीवरी सेवाओं जैसे क्षेत्रों में प्रवासी शामिल हैं। बड़ी एयरलाइंस व मैनेजर आदि पदों पर नौकरी कर रहे हैं
भारतीय गिरोह का सगरना मोहम्मद आलमगीर है
बांग्लादेशियों प्रवासियों को रोजगार, आवास हासिल करने और झूठे भारतीय पहचान दस्तावेज तैयार करने में मदद वाले ज्वेल इस्लाम और मोहम्मद आलमगीर जाली आधार और पैन कार्ड के साथ वर्षों से भारत में रह रहे थे। 2007 से भारत में रह रहे मोहम्मद आलमगीर ने अपने बच्चों का दाखिला भारतीय स्कूलों में करा रखा है।
2000 से यहां रह रहा मोहम्मद रेजाउल भारतीय पासपोर्ट हासिल किया। दो साल में 22 बार भारत और बांग्लादेश के बीच यात्रा की। उसने अप्रावसियों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग करते हुए कैब ड्राइवर के रूप में काम किया। कमरुज्जमां 2014 में फर्जी आईडी के साथ भारतीय डिलीवरी एजेंट के रूप में आया था।
जालसाजी के गिरोह का मास्टरमाइंड मोहम्मद मोइनुद्दीन दिल्ली में एक कंप्यूटर की दुकान चलाता था, जो उन्नत संपादन उपकरणों के साथ फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज तैयार करता था। शाहीन ने उन्हें नौकरी दिलवाई, जबकि मनवर हुसैन और निमाई करमाकर ने बांग्लादेश में अवैध नकदी प्रवाह की व्यवस्था की।
इन धाराओं में मामला दर्ज किया गया
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023-जालसाजी, साजिश, अवैध प्रवेश
विदेशी अधिनियम, 1946- अवैध प्रवास
आधार अधिनियम, 2016- धोखाधड़ी से आईडी प्राप्त करना और उसका दुरुपयोग
गिरफ्तार आरोपी अवैध बांग्लादेशी प्रवासी
मस्जिद रोड, भोगल, जंगपुरा, निजामुद्दीन में रह रहा मोहम्मद ज्वेल इस्लाम (27) वर्ष 2021 में भारत आया और अपने भाई मोहम्मद आलमगीर के साथ स्क्रैप डीलर के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
मोहम्मद आलमगीर (34) वर्ष 2007 में भारत आया और स्क्रैप डीलर के रूप में काम करना शुरू कर दिया। उसने भारत में एक महिला से शादी की और उसके 13 वर्ष और 9 वर्ष दो बेटे हैं।
कोटला मुबारकपुर में रह रहा मोहम्मद लतीफ खान (37) वर्ष 2015 में भारत आया और कूड़ा बीनने का काम करने लगा। उसका परिवार बांग्लादेश में रहता है और वह रिश्तेदारों के माध्यम से पैसे भेजता है।
मोहम्मद नदीम शेख 2021 में भारत आया और अपने भाई मोहम्मद लतीफ के साथ क्लीनर, स्वीपर आदि के रूप में काम करने लगा। लतीफ 2015 से भारत में रह रहा है। उसके पास आधार कार्ड और पैन कार्ड है।
मोहम्मद मिजानुर रहमान (43) 3 साल पहले 2022 में भारत आया और अब कोटला मुबारकपुर में स्क्रैप डीलर के रूप में काम करता है। उसका परिवार बांग्लादेश में रहता है।
केएम पुर में रह रहे रबीउल (25) 2022 में भारत आया और डिफेंस कॉलोनी के एक अस्पताल में अटेंडेंट के तौर पर काम करता है।
भलस्वा डेयरी निवासी मोहम्मद रेजाउल 24 साल पहले 2000 में भारत आया और कैब ड्राइवर का काम करता है। उसने भारत में एक महिला से शादी की। वह बांग्लादेशी वीजा पर औसतन महीने में दो बार हवाई यात्रा करके बांग्लादेश में पैसे और अन्य सामान ले जाता है। उसने दो साल में 22 बार बांग्लादेश की यात्रा की।
कमरुज्जमां 2014 में भारत आया और न्यूटाउन, पश्चिम बंगाल में रहने लगा। वह जोमैटो डिलीवरी बॉय के रूप में काम करता है और उसने आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि हासिल कर लिए हैं।
गिरफ्तार भारतीय
बस्ती निजामुद्दीन निवासी मोहम्मद मोइनुद्दीन अमीर खुसरो नगर में एक छोटी सी कंप्यूटर की दुकान चलाता है। उसने अपने कंप्यूटर से नकली जन्म प्रमाण पत्र बनाए।
मोहम्मद शाहीन ने अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को रोजगार दिया।
पुलप्रहलादपुर निवासी जुल्फिकार अंसारी आधार कार्ड बनाने के लिए यूआईडीएआई द्वारा अधिकृत एक निजी एजेंट था। उसने अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को आधार में नामांकित करने के लिए मोइनुद्दीन द्वारा तैयार किए गए झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
अरनिया, तहसील खुर्जा, बुलंदशहर, यूपी निवासी जावेद आधार कार्ड बनाने के लिए यूआईडीएआई द्वारा अधिकृत एक निजी एजेंट था। उसने अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को आधार में नामांकित करने के लिए मोइनुद्दीन द्वारा तैयार किए गए झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
बुलंदशहर उत्तर प्रदेश निवासी फरमान खान आधार कार्ड बनाने के लिए यूआईडीएआई द्वारा अधिकृत एक निजी एजेंट था। उसने अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को आधार में नामांकित करने के लिए मोइनुद्दीन द्वारा तैयार किए गए झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
मनवर हुसैन दरगाह हजरत निजामुद्दीन में काम करता था। वह विभिन्न अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों से नकद पैसा एकत्र करता है और बांग्लादेश में इन अप्रवासियों के रिश्तेदारों को पैसा भेजता है।
पश्चिम बंगाल निवासी निमाई कर्माकर एक लाइसेंस प्राप्त विदेशी मुद्रा एजेंट है और वह अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों का पैसा उनके बांग्लादेशी रिश्तेदारों को हस्तांतरित करता है।
गौरंगा दत्ता एक लाइसेंस प्राप्त विदेशी मुद्रा एजेंट है और वह अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के पैसे को उनके रिश्तेदारों बांग्लादेश में स्थानांतरित करता है।