पटना में पीएम मोदी रोड शो कर रहे आज

बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक जनता दल यूनाईटेड के मोकामा विधानसभा प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी उस सुबह से पहले हुई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना शहर में रोड शो करने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी पार्टी- भाजपा और गठबंधन- एनडीए; तीनों बिहार में जंगलराज को निशाने पर रखते हैं। लेकिन, रविवार को जब पीएम मोदी पटना में रोड शो करने आएंगे तो अपने प्रत्याशी की गिरफ्तारी से सिर्फ जदयू की आंखें नीची नहीं होगी, बल्कि विपक्ष के निशाने पर प्रधानमंत्री, भाजपा और एनडीए भी होगा। पटना में 6 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले जदयू प्रत्याशी की इस गिरफ्तारी का असर एनडीए की छवि पर तो पड़ेगा ही, चुनावी गणित पर भी खूब दिखेगा। कैसे, यह आगे समझें।
पीएम के रोड शो की चमक पहले ही पड़ गई फीकी
दो चरणों में हो रहे बिहार विधानसभा चुनाव में पहला मतदान 6 नवंबर को है। पटना जिले की सभी 14 सीटों समेत मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, भोजपुर और बक्सर को मिलाकर 121 विधानसभा क्षेत्रों में 6 नवंबर को ही मतदान होना है। शेष 122 सीटों पर मतदान 11 नवंबर को है। छह नवंबर को मतदान के लिए 4 नवंबर की शाम चुनाव प्रचार पर रोक लग जाएगी। इससे पहले, रविवार 2 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना में रोड शो के लिए पहुंच रहे हैं। रोड शो की तैयारी राजग के सभी घटक दल पूरे जोर-शोर से कर रहे हैं। लेकिन, पीएम मोदी के पटना पहुंचने से पहले जिले की मोकामा सीट के जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने सत्तारूढ़ गठबंधन को बड़ा झटका दे दिया है। रविवार को सुबह होते ही विपक्षी इस बहाने पीएम मोदी पर भी बयानों के साथ टूट पड़ेंगे।
भूमिहार-यादवों में तनातनी, असर तो लालू की पार्टी पर भी
मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या की खबर के साथ ही बिहार चुनाव में जातीय तनाव बढ़ा हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल के भूमिहार प्रत्याशियों को भी यादव बहुल इलाके में सीधी धमकी की खबरें आ रही हैं। अनंत सिंह भूमिहार हैं और मारे गए दुलारचंद यादव थे। यादव जाति के लोग लालू प्रसाद के करीबी रहे दुलारचंद की हत्या को भूमिहारों की मनमानी करार दे रहे हैं। लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के भूमिहार प्रत्याशी ताजा परिस्थितियों से परेशान हैं, लेकिन शनिवार-रविवार की मध्य रात्रि अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने एनडीए को मतदान के पहले बड़ा नुकसान करा दिया है। मोकामा सीट पर तो भूमिहार जाति से आने वाले दूसरे बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को स्थानीय कारणों से अनंत सिंह की गिरफ्तारी से फायदा मिलने का दावा किया जा रहा है, लेकिन बाकी जगहों पर परेशानी भी है। महागठबंधन के प्रमुख दल राजद ने छह भूमिहारों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने सात और सीपीआई ने दो भूमिहार प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें यादव बहुल सीटों पर उतरे भूमिहार प्रत्याशी परेशान हैं।
एनडीए के लिए अनंत सिंह की गिरफ्तारी बड़ी मुसीबत
पटना जिले की मोकामा सीट से जदयू प्रत्याशी हैं अनंत सिंह। पीएम मोदी पटना शहर में ही रोड शो करने आ रहे हैं। चुनाव प्रचार के लिए अब रविवार, सोमवार और मंगलवार का ही दिन है। इन तीन दिनों के बाद चौथा दिन जनसंपर्क और पांचवां दिन मतदान का है। ऐसे में, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर बिहार पुलिस ने जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह को गिरफ्तार कर एनडीए के लिए मुसीबत कर दी है। रविवार को जमानत मिलने की संभावना नहीं रहती है, यह भी एक महत्वपूर्ण बात है। जहां तक पहले चरण में इस गिरफ्तारी के असर का सवाल है तो असल बात छवि की है। एनडीए लालू प्रसाद के जंगलराज पर महागठबंधन को घेरता है, लेकिन 2020 के बिहार चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर जीते बाहुबली अनंत सिंह फिलहाल जदयू में हैं।
उनकी बाहुबली छवि के बुरे असर के बाद अब इस गिरफ्तारी से एनडीए के सभी प्रत्याशियों का मनोबल कमजोर दिखेगा। एनडीए को कहीं यादवों के वोट से थोड़ी भी उम्मीद बनी होगी तो वह इस घटनाक्रम के बाद टूटती दिख रही है। यादव इस घटनाक्रम के बाद एकमुश्त राजद की ओर ही समर्पित हो जाएंगे, यह कहा जा रहा है। यानी, भाजपा कोटे के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री व दानापुर के भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव तक को अब बहुत ज्यादा मेहनत दिखानी पड़ेगी।



