बिहार : झारखंड से आई बाढ़ में लापरवाही इंजीनियर समेत कई निलंबित

झारखंड राज्य में लगातार हो रही बारिश के कारण दक्षिण बिहार में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए है। झारखंड से निकलने वाली निरंजना, मुहाने, उत्तर कोयल, सकरी, पचाने इत्यादि नदियों में अत्यधिक जलस्तर दर्ज किया गया है। इस कारण गया, नालंदा, जहानाबाद और पटना जिले के कई गांवों में पानी घुस गया। कई जगह बांध क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अब इस मामले में जल संसाधन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है।

जानकारी देते हुए जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि पिछले दो दिनों का हमारा अनुभव रहा कि जहां मुस्तैद थे वहां नुकसान कम हुआ। जहां लापरवाही बरती गई वहां कुछ तटबंध क्षतिग्रस्त हुए है। जांच टीम ने पाया कि इस मामले में कई अधिकारी विभाग ने निर्देश का उल्लंघन करते पाते गए। उन्होंने अपने कार्य में लापरवाही बरती है। इसीलिए कार्यपालक अभियंता और कनीय अभियंता को समेत सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बाकी जो कार्यपालक अभियंता से जो ऊपर के अधिकारी हैं, उनकी भी भूमिका की जांच की जा रही है। अगर यह लोग निगरानी करते तो क्षति कम होती।

मंत्री ने कहा कि विभाग के सभी स्तर के अधिकारी जिला प्रशासन के सक्रिय सहयोग से प्रभावित इलाकों का लगातार निरीक्षण करते हुए आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं।मौसम के बर्ताव में परिवर्तन हो रहा है। अब यह साफ साफ दिख रहा है। पिछले साल नेपाल में लगातार बारिश ने नदियों का जलस्तर काफी बढ़ा दिया था। यह हमारी भौगोलिक स्थिति ही ऐसी है कि बिहार एक दो नदियों को छोड़कर बाकी सभी नदियों का उद्गम स्थल बिहार के बाहर है। बिहार के कुल भूभाग का 73 प्रतिशत इलाका बाढ़ प्रभावित है। पिछले तीन दिन से झारखंड में लगातार बारिश हो रही है। इतनी अधिक बारिश हुई कि दक्षियों बिहार में बहने वाली नदियों का जलस्तर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

इन पर लापरवाही बरतने के कारण हुई कार्रवाई
मंत्री ने कहा कि विभागीय स्तर पर पर्यवेक्षण के क्रम में पाया गया कि कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण प्रमंडल, एकंगरसराय तथा स्थल प्रभारी कनीय अभियंता द्वारा नालंदा/जहानाबाद अंतर्गत लोकाईन और भूमही नदी पर अवस्थित तटबंधों की सुरक्षा अपने दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती गई है एवं विभाग के निर्देशों का भी मनमानी से उल्लंघन किया गया है। उक्त स्थिति में विभाग द्वारा कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण प्रमंडल, एकंगरसराय तथा संबंधित स्थल प्रभारी कनीय अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया गया है। मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि विभाग द्वारा बाढ़ और कटाव से सुरक्षा को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है एवं इसमें किसी भी स्तर से किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। इस परिप्रेक्ष्य में सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को फिर से सख्त हिदायत दी गई है। किसी भी लापरवाही के लिए दोषी पदाधिकारी निश्चित रूप से दण्ड के भागी होंगे।

इन जिलों ने क्षतिग्रस्त हुए यह बांध
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया कि 19 जून को सुबह नौ बजे उपदेश्वर बराज, जहानाबाद से 73067 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हुआ। जो विगत वर्ष के अधिकतम जलस्राव 68268 क्यूसेक से 4439 क्यूसेक अधिक पाया गया। इस कारण बधुगंज कोजवे गेज स्टेशन पर 19 जून को 62.15 मीटर का नया उच्चतम जलस्तर दर्ज किया गया। यह पूर्व के उच्चतम जलस्तर से 0.15 मीटर अधिक है। नदी में प्रवाहित अत्यधिक जलस्राव के कारण 19 जून की रात्रि एक बजे लगभग नालंदा जिला अंतर्गत एकंगरसराय प्रखंड में लोकाईन नदी के दाहिने किनारे पर अवस्थित जमींदारी बांध केशोपूर ग्राम के पास क्षतिग्रस्त हुआ। इतना ही नहीं नालंदा, जहानाबाद, पटना जिला अंतर्गत लोकाईन, मुतही, घोवा और मल्हाईन नदी पर अवस्थित बांध भी कुछ स्थलों पर क्षतिग्रस्त हुआ है।

जिला प्रशासन का भी सहयोग मिला
प्रधान सचिव ने कहा कि विभाग के सभी स्तर के अधिकारी जिला प्रशासन के सक्रिय सहयोग से प्रभावित इलाकों का लगातार निरीक्षण करते हुए आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं। जलस्राव से क्षतिग्रस्त बांधो के युद्धस्तर पर कार्य तटबंध के क्षतिग्रस्त प्रमाण को पुनर्स्थापित करने हेतु युद्धस्तर पर संघर्षात्मक कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। विभाग द्वारा दो अतिरिक्त कार्यपालक अभियंता एवं दो सहायक अभियंता की प्रतिनियुक्ति कार्यस्थल पर की गई है।

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