भजनलाल सरकार की अग्निपरीक्षा, क्या अंता में बरकरार रहेगा कमल का जलवा?

राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार बनने के बाद पहला बड़ा टेस्ट नवंबर 2024 में हुआ, जब सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. इनमें बीजेपी ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 5 सीटें झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर और रामगढ़ जीत ली. कांग्रेस सिर्फ दौसा बचाने में कामयाब रही, जबकि चौरासी सीट भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के खाते में गई थी. फिलहाल राजस्थान की सियासत में इन दिनों बारां जिले की अंता विधानसभा सीट सुर्खियों में है. बीजेपी यहां अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखने की कोशिश कर रही है. अंता में 11 नवंबर को वोटिंग और 14 नवंबर को नतीजे आएंगे. सवाल यह उठता है कि क्या कमल फिर खिलेगा या कांग्रेस बाजी मार लेगी?

आइए जानते हैं पूरा माजरा.
अंता सीट पूर्व बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा के लोकसभा चुनाव जीतने और बाद में एक पुराने मामले में सजा होने से खाली हुई. 2023 विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी ने कांग्रेस को 5861 वोटों से हराया था. मीणा को हाईकोर्ट से सजा मिली, जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई. अब बीजेपी ने स्थानीय चेहरा मोरपाल सुमन को टिकट दिया है, जो बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं और वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं. कांग्रेस ने दिग्गज प्रमोद जैन भाया पर फिर दांव लगाया है, जो दो बार के पूर्व विधायक हैं लेकिन ‘बाहरी’ का ठप्पा लग रहा है

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