राजस्थान में निवेश की रफ्तार को मिलेगी जमीन, एमओयू अब हकीकत में बदलने को तैयार

राजस्थान सरकार अब राइजिंग राजस्थान निवेश समिट में हुए समझौतों (एमओयू) को जमीन पर उतारने के लिए तेजी से काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टर्स को अपने-अपने जिलों में लैंड बैंक का रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि उद्योगों को जमीन जल्दी मिल सके और निवेश शुरू हो सके।
राजस्थान में आयोजित राइजिंग राजस्थान निवेश समिट के दौरान किए गए एमओयू (MoU) अब जमीन के इंतजार में हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में भूमि आवंटन का मुद्दा प्रमुख रूप से सामने आया। इसके बाद राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टर्स को अपने-अपने जिलों में लैंड बैंक की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बनाई भूमि आवंटन की निगरानी समिति
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महत्वपूर्ण एमओयू से जुड़ी भूमि आवश्यकताओं की पहचान और आवंटन प्रक्रिया को गति देने के लिए एक विशेष समिति के गठन के आदेश भी दिए हैं। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि उद्योगों व निवेशकों को समय पर जमीन मिल सके।
जिलों में हुए एमओयू की रिपोर्ट भी तलब
राज्य सरकार ने बताया कि राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान बड़ी संख्या में एमओयू जिला कलेक्टर्स के स्तर पर भी हुए थे। अब इनकी प्रगति रिपोर्ट भी सभी जिलों से मांगी गई है। साथ ही जिला प्रभारी सचिवों और विभागीय अधिकारियों को स्थानीय एमओयू की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।
अब तक सवा तीन लाख करोड़ का निवेश जमीन पर उतर चुका
सरकार का दावा है कि अब तक इस समिट के तहत किए गए एमओयू में से 3.25 लाख करोड़ रुपए का निवेश ग्राउंड ब्रेकिंग स्टेज पर पहुंच चुका है। वहीं जुलाई महीने में 1 लाख करोड़ रुपए के निवेश की ग्राउंड ब्रेकिंग का लक्ष्य तय किया गया है।
लंबित नीतियों के नोटिफिकेशन की समयसीमा तय
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जो नीतियां अभी लंबित हैं, उन्हें 31 जुलाई तक अंतिम रूप दे दिया जाए। साथ ही पहले से घोषित पॉलिसियों के बचे हुए नोटिफिकेशन को 30 जून तक जारी करने के आदेश दिए गए हैं।
सौर ऊर्जा और हाइब्रिड सेक्टर में सबसे अधिक एमओयू
पिछले साल हुई इस निवेश समिट में राज्य सरकार ने कुल 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए थे। इनमें सबसे ज्यादा एमओयू सोलर और हाइब्रिड एनर्जी सेक्टर में हुए हैं, जिनके लिए बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता है।