वित्त मंत्री सीतारमण ने भारत को सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण बताया, दिया यह तर्क
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 49वें सिविल अकाउंट्स दिवस समारोह को संबोधित किया। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) का इससे अच्छा उदाहरण और क्या हो सकता है कि सभी 31 राज्य कोषागार और 40 लाख से अधिक कार्यक्रम क्रियान्वयन एजेंसियां मिलकर राज्यों में वित्तीय प्रबंधन को आसान बनाती हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां 140 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं। यहां हर राज्य की अपनी चुनी हुई सरकार होती है, लेकिन फिर भी सभी वित्तीय व्यवस्थाएं एक साथ जुड़ी हुई हैं और कुशलता से काम कर रही हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1,200 केंद्रीय और राज्य सरकार की योजनाओं में से 1,100 अब डीबीटी के तहत हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) को बेहतर बनाने में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई है।
49वें नागरिक लेखा दिवस के समारोह में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पीएफएमएस ने बिचौलियों को खत्म किया है। वित्त मंत्री के अनुसार पीएफएमएस ने यह सुनिश्चित किया है कि योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे। उन्होंने कहा “सब कुछ सीधे भुगतान के माध्यम से हो रहा है, इसलिए कोई बिचौलिया नहीं है, किसी अजन्मे बच्चे को भत्ता नहीं मिल रहा है। हर कोई जो प्राप्त करता है उसके पास एक बायोमेट्रिक सत्यापित खाता है जिसमें पैसा जाता है। इसलिए 1200 केंद्रीय और राज्य योजनाओं में से 1100 डीबीटी के तहत हैं”।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “पीएफएमएस वर्तमान में 60 करोड़ लाभार्थियों की सेवा करता है। यह अपने तरह की दुनिया की सबसे बड़ी प्रणाली है।” वित्त मंत्री ने कहा कि पीएफएमएस के एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण ने वित्तीय लेन-देन को अधिक कुशल और पारदर्शी बना दिया है, जिससे फंड वितरण में अनियमितताएं और देरी खत्म हो गई हैं।