शनि के चंद्रमा टाइटन पर मिला ऐसा महासागर

अंतिरक्ष के रहस्यों जानने के लिए सालों से वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। अब इस बीच वैज्ञानिकों के एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि शनि ग्रह के चंद्रमा एक टाइटन पर हाइड्रोकार्बन का सागर स्थित है। वैज्ञानिकों ने नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान से मिले डेटा से यह खोज की है। कैसिनी अंतरिक्ष यान ने 13 साल तक शनि का सर्वेक्षण किया था। इस दौरान इकट्ठा किए गए कुछ विशाल डेटा की अब जांच की जा रही है।

कैसिनी के राडार अवलोकन टाइटन की सतह पर तरल हाइड्रोकार्बन के समुद्रों के बारे में दिलचस्प और नई जानकारियां दे रही है। शनि का चंद्रमा टाइटन हमारे सौर मंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है। वैज्ञानिकों के लिए जीवन की खोज के लिए रूचि वाला स्थान है।

टाइटन के समुद्रों में पानी में क्या है?
धरती के अलावा सिर्फ शनि के चंद्रमा की सतह पर तरल समुद्र हैं। हालांकि, वह उनका निर्माण पानी से नहीं, बल्कि नाइट्रोजन और कार्बनिक यौगिकों मीथेन और ईथेन से हुआ, जो प्राकृतिक गैस के घटक हैं। इस शोध में टाइटन के उत्तरी ध्रुव के पास स्थित तीन समुद्र को शामिल किया गया था। टाइटन पर सबसे बड़ा समुद्र क्रैकन मारे है, इसके बाद लीजिया मारे और तीसरा सबसे बड़ा समुद्र पुंगा मारे है।

सौर मंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है टाइटन
टाइटन 5,150 किमी चौड़ा है और हमारे सौर मंडल का दूसरे सबसे बड़ा चंद्रमा है। यह बुध ग्रह से भी बड़ा है। टाइटन और पृथ्वी सौर मंडल में एकमात्र ऐसी दुनिया हैं, जहां पर तरल पदार्थ बादलों से बरसते हैं और नदियों के रूप में सतह पर समुद्र और झीलों में बहते हैं। इसके बाद हाइड्रोलॉजिकल प्रक्रिया शुरू करने के लिए वापस आसमान में वाष्पित हो जाते हैं।

टाइटन पर मीथेन की होती है बारिश
धरती पर बादलों पानी की बारिश होती है, पर टाइटन पर मीथेन पर बरसता है। पृथ्वी पर मीथेन एक गैस है। हालांकि, टाइटन पर ठंडी जलवायु की वजह से मीथेन तरल रूप में है। जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में यह अध्ययन प्रकाशित किया गया है।

इसके अध्ययन के प्रमुख लेखक कॉर्नेल विश्वविद्यालय के इंजीनियर और ग्रह वैज्ञानिक वैलेरियो पोगियाली ने बताया कि टाइटन वास्तव में पृथ्वी जैसा ही एक ग्रह है। संभावना है कि आने वाले समय में शनि के चंद्रमा टाइटन को लेकर शोध में और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

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